“हमने सांप्रदायिक नागरिक संहिता में बिताए 75 साल”, प्रधानमंत्री की ‘सेक्युलर नागरिक संहिता’ की बात पर चर्चाओं का दौर शुरू

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के 78वें दिन इस वर्ष 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया। आज के भाषण के साथ मोदी नेहरू के साथ एक नए रिकॉर्ड की बराबरी की है। नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद वे तीसरे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने लगातार 11 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया है।
आज अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के अपने इरादे की घोषणा की। जिसमें उन्होंने किसी भी धर्म या समूह के साथ भेदभाव नहीं करने वाले, एक धर्मनिरपेक्ष (सेक्युलर) नागरिक संहिता की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने लाल किले पर अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान उन्होंने मौजूदा सांप्रदायिक नागरिक संहिता की संविधान की भावना और सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों पर कार्य नहीं किए जाने की विफलता पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री के धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की बात पर चर्चाओं और प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है, जहां कई लोग सभी नागरिकों के लिए अधिक समावेशी और समान कानूनी ढांचे की दिशा में कदम उठाने के समर्थन में नजर आ रहे हैं।

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