logo_banner
Breaking
  • ⁕ प्रशासन द्वारा समय पर लिया गया सुओ मोटो, राजुरा विधानसभा क्षेत्र में फर्जी मतदाता पंजीकरण को रोकने में सफल ⁕
  • ⁕ Nagpur: खापरखेड़ा पुलिस की बड़ी कार्रवाई; अवैध रेती तस्करी का भंडाफोड़, तीन आरोपी गिरफ्तार ⁕
  • ⁕ नागपुर में 'I LOVE Muhammad' की दस्तक; ताजबाग इलाके में लगे बैनर, पुलिस जाँच शुरू ⁕
  • ⁕ Bhandara: विधायक के कार्यक्रम में बड़ा हादसा, गायन कार्यक्रम के दौरान मंच गिरा; विधायक नरेंद्र भोंडेकर और कई कार्यकर्ता नीचे गिरे ⁕
  • ⁕ विदर्भ में 1 से 5 अक्टूबर तक मूसलाधार बारिश का खतरा, IMD ने जारी किया 'येलो' अलर्ट; किसानों की चिंता बढ़ी ⁕
  • ⁕ ‘लाडली बहन योजना’ लाभार्थियों को तकनीकी अड़चनों का करना पड़ रहा सामना, ई-केवाईसी प्रक्रिया में समस्या से महिलाओं में नाराजगी ⁕
  • ⁕ राज्य में अतिवृष्टि से हुआ 60 लाख हेक्टेयर में लगी फसलों का नुकसान, मुख्यमंत्री ने कहा- अकाल के दौरान किये जाने वाले सभी उपाए किये जाएंगे लागु ⁕
  • ⁕ Gadchiroli: श्रीरामसागर जलाशय से भारी मात्रा में छोड़ा जा रहा पानी, गढ़चिरोली के सिरोंचा में बाढ़ आने की आशंका ⁕
  • ⁕ Yavatmal: यवतमाल के वणी में आदिवासी समाज का भव्य आरक्षण बचाव मोर्चा ⁕
  • ⁕ पश्चिम विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ का विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ में विलय, विधायक सुधाकर अडाबले ने निर्णय का किया स्वागत ⁕
National

भारत ने रचा इतिहास, चंद्रयान 3 सफलता के साथ चाँद के दक्षिणी हिस्से में उतरा


बंगलुरु: देशवासियों के लिए आज का दिन बेहद गर्व करने वाला है। भारत के चंद्रयान तीन ने आज इतिहास रच दिया है। चंद्रयान तीन सफलता के साथ चाँद के दक्षिणी हिस्से में उतर गया है। इस सफलता के साथ भारत चाँद पर उतरने वाला दुनिया का चौथा और दक्षिणी हिस्से में उतरने वाला पहला देश बन गया है। भारत के पहले अमेरिका और रूस प्रयास कर चुके हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।
 

14 दिन रहेगा चाँद पर 

 
चाँद पर सफलता से उतरने के बाद हमारा चंद्रयान यानी विक्रम रोवर 14 दिन तक रहेगा यानी चाँद का एक दिन। ज्ञात हो कि, चाँद का एक दिन पृथ्वी के 14 दिनों का होता है। इस दौरान विक्रम रोवर यह चाँद पर पानी सहित वहां मौजूद खनिजों की जांच करेगा। 
 

दुनिया का चौथा देश जिसने चाँद को किया फतह 

 
भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है। जिसने चाँद पर झंडा गड़ा है। भारत के पहले अमेरिका, चीन, रूस चाँद पर पहुंच चुके हैं। हालांकि, चाँद के दक्षिणी हिस्से यानी दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत पहला देश बन गया है। इसके पहले अमेरिका और रूस ने कई प्रयास किया लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। बीते दिनों रूस का लूना 25 दक्षिणी हिस्से में उतरने का प्रयास किया, लेकिन उतरने से पहले ही वह क्रैश हो गया।
 

615 करोड़ का आया खर्च

चंद्रयान-3 का अनुमानित बजट 615 करोड़ रुपये है जो भारत के सबसे किफायती अंतरिक्ष मिशनों में से एक है। 2020 में इसरो के पूर्व प्रमुख के सिवन ने कहा था कि चंद्रयान-3 की लागत करीब 615 करोड़ रुपये है। लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल की लागत 250 करोड़ रुपये और लॉन्च सेवाओं की लागत लगभग 365 करोड़ रुपये है। ऐसा अनुमान है कि मिशन का बजट बढ़ गया है क्योंकि इसे 2021 में लॉन्च किया जाना था और इसमें दो साल की देरी हो गई है।  सबसे महत्वपूर्ण चंद्रयान-3 का बजट हाल ही में आई आदिपुरुष से भी कम है।