जैन संत मुनिश्री विरागमुनि 171 दिन से उपवास पर, डॉक्टरों की टीम ने किया चेक तो हुए हैरान

बालाघाट: एक इंसान अगर एक भी भी उपवास रख ले और दिन भर कुछ न खाये तो उसे चक्कर आने लगते हैं। लेकिन दुनिया में कई ऐसे ही भी होते हैं जो कई दिनों तक भूखे रहते हैं और सामान्य की तरह जीवन जीते हैं। जैन संत मुनिश्री विरागमुनि 171 दिन से उपवास पर हैं। इस दौरान वह केबल आधा लीटर पानी पी रहे हैं। यही नहीं वह रोजाना कई किलोमीटर पैदल भी चल रहे हैं। वहीं नहीं जब डॉक्टरों की टीम ने उनकी जांच की तो वह भी चौंक गए।
जैन मुनि ने मानव कल्याण के भाव से 15 जनवरी 2023 को महाराष्ट्र के चंद्रपुर से आहार का त्याग कर दिया था। इसके बाद से वह रोजाना केवल आधा लीटर गर्म पानी पी रहे हैं। इस दौरान वह 500 किलोमीटर पैदल चलकर रायपुर होते हुए बालाघाट पहुंचे। निराहार रहने के संकल्प के बाद वे रोज सूर्योदय से 48 मिनट बाद और सूर्यास्त से पहले सिर्फ आधा लीटर गरम पानी ग्रहण करते हैं।
डॉक्टरों की तीन सदस्यीय टीम ने किया निरीक्षण
जैन मुनि के गर्म पानी पीकर रहने वाले मुनि का निरीक्षण करने के लिए गुजरात से डॉक्टरों की तीन टीम मंगलवार को बालाघाट पहुंची। टीम में बड़ौदा से डॉ. आशीष शाह, डॉ. घनश्याम और दुर्ग से डॉ. डीपी बिसेन शामिल है। डॉक्टरों ने टीम उनका मेडिकल चेकअप किया और रिकॉर्ड जमा किया।
निरीक्षण के बाद डॉक्टरों ने कहा, "वे अपनी टीम के साथ रिसर्च कर रहे है, कि क्या 2600 साल पहले भगवान वर्धमान महावीर ने जो कर दिखाया था ओ आज भी आम इंसान कर सकता है?"रिसर्च टीम ने कहा कि, “वह डाटा जमा करेंगे और इसकी रिपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन को भेजेंगे।”
गुरुजनों की आज्ञा मिलते ही दो दिनों में तोड़ दूंगा तपस्या
वहीं अपने उपवास पर विराग मुनि ने कहा कि, "भगवान वर्धमान महावीर ने 180 दिनो तक किसी भी अन्न का सेवन न करते हुये 180 दिनों की तपस्या की थी। उन्होंने आगे कहा, मगर मै अपने भगवान से बढकर नही हूँ। चाहूँ तो मै 200 दिनों की भी उपासना कर सकता हूँ। मगर मै भगवान से बढ़कर नहीं हूँ इसलिए गुरुजनों का आदेश मिलते ही दो दिनो मे अपनी तपस्या का समारोप कर दूंगा।

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