अब स्कूल बसों, वैनों में FAPS लगाना अनिवार्य, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने जारी किया आदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 1 अक्टूबर से छात्रों को ले जाने वाली स्कूल बसों और वैन में फायर अलार्म एंड प्रोटेक्शन सिस्टम (FAPS) लगाना अनिवार्य कर दिया है।
केंद्र सरकार ने स्कूली छात्रों की सुरक्षा की दृष्टि से यह नियम पूरे देश में लागू किया है। बस और वैन बनाने वाली कंपनियों को निर्माण के दौरान ही इस प्रणाली तैयार रखना होगा। पहले नियमानुसार वाहनों के इंजन केबिन में फायर अलार्म और फायर सुरक्षा यंत्र लगाना अनिवार्य था। हालाँकि, अब स्कूल बसों के निर्माण के दौरान इस प्रणाली को स्थापित करना अनिवार्य है।
बसों में आग लगने की घटनाओं पर किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि वाहन में धुएं और आग के कारण यात्रियों को चोटें आई हैं। जलती हुई बस से यात्रियों को बाहर निकालने के लिए कोई अतिरिक्त समय नहीं मिल पाता। यह मशीनरी धुएं की जांच करने में सक्षम होगी ताकि यात्रियों को बाहर निकालने के लिए समय मिल सके।
महाराष्ट्र मोटर वाहन नियम, 1989, 1988 और 2021 में प्रावधान के अनुसार, पुलिस आयुक्त को ऑटो रिक्शा, स्कूल बस या वैन में क्षमता से अधिक छात्रों को बैठाने और अन्य उल्लंघनों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है। हालांकि, इसका पालन होता कहीं नजर नहीं आता है।

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