logo_banner
Breaking
  • ⁕ SC ने महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग को लगाई फटकार, स्थानीय निकाय चुनाव 31 जनवरी, 2026 तक पूरा कराने के निर्देश ⁕
  • ⁕ नागपुर में जल्द शुरू होगी ई-बाइक टैक्सी सेवा, सिर्फ 15 रूपये में 1.5 किमी का सफर, सस्ता और आसान ⁕
  • ⁕ Amravati: शिंदे की शिवसेना में अंदरूनी कलह? बैनर से प्रीति बंड की तस्वीर गायब, राजनीतिक गलियारों में बना चर्चा का विषय ⁕
  • ⁕ Bhandara: एक ही दिन में दो कामों पर एक मज़दूर! हिवरा में पांदन सड़क निर्माण कार्य में गड़बड़ी-घोटाला ⁕
  • ⁕ Akola: अकोला शहर में भारी बारिश से सड़कें और नालियां जलमग्न, फसलों को नुकसान होने की संभावना ⁕
  • ⁕ Akola: सरकारी अस्पताल परिसर में एक व्यक्ति की पत्थर कुचलकर हत्या, हत्यारा भी हुआ घायल ⁕
  • ⁕ अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया जाएगा महाराष्ट्र का AI मॉडल MARVEL, नीति आयोग ने द्वारा आठ उच्च-प्रभाव वाली परियोजनाओं में चयन ⁕
  • ⁕ “राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज कैंसर अस्पताल का निर्माण जल्द करें पूरा”, मुख्यमंत्री फडणवीस ने अधिकारियों को दिए निर्देश ⁕
  • ⁕ अकोला में चोर ने निर्गुण नदी के पुल से चुराए लिए 105 फाटक, आरोपी की हो रही तलाश ⁕
  • ⁕ पूर्व विदर्भ में अगले 24 घंटे में होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट; प्रशासन ने की नागरिकों से सतर्क रहने की अपील ⁕
National

राज्य के सत्ता संघर्ष की सुप्रीम लड़ाई चार हफ़्ते के लिए टली


नई दिल्ली:महाराष्ट्र में सत्ता के राजनीतिक संकट की सुनवाई चार सप्ताह के लिए टाल दी गई है। अब इस मामले की अगली सुनवाई नवंबर महीने के बाद सुप्रीम कोर्ट में होगी. मंगलवार की सुनवाई में संविधान पीठ ने दोनों पक्षों से अपनी लिखित दलीलें पेश करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की ओर से उठाए जाने वाले मुद्दों और किन मुद्दों पर कौन से वकील बहस करेंगे, इसकी जानकारी देने का भी निर्देश दिया है. 

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद संविधान पीठ ने दोनों पक्षों को लिखित जानकारी देने का निर्देश दिया. इस मामले में सुनवाई शुरू करने से पहले संविधान पीठ ने कहा कि दोनों पक्षों को संयुक्त रूप से अपनी बात रखनी चाहिए. अदालत ने दोनों पक्षों को मुद्दों को तय करने के लिए एक संयुक्त बैठक करने की भी सलाह दी.यह लिखित पक्ष अगले चार हफ्ते में सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश करना होगा. जो मुद्दे संविधान पीठ के समक्ष पेश होंगे या जिन्हें निर्णय के लिए पेश किया जाएगा, उन्हें संयुक्त रूप से संविधान पीठ के समक्ष पेश किया जाएगा। लिखित बयान देने के निर्देश देने के बाद चार सप्ताह के भीतर लिखित दलीलें देनी होंगी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट सुनवाई की तारीख तय करेगा।