logo_banner
Breaking
  • ⁕ नागपुर में अवैध लिंग निर्धारण रैकेट का भंडाफोड़, दो डॉक्टरों पर कार्रवाई; सोनोग्राफी सेंटर सील, मनपा का अब तक का सबसे बड़ा स्टिंग ⁕
  • ⁕ BJP वार्ड अध्यक्ष सचिन साहू की दिनदहाड़े चाकू से गोदकर हत्या, शहर में मचा हड़कंप; पुलिस जांच में जुटी ⁕
  • ⁕ "सवाल करने पर गालियां दी जाती हैं, बेज्जती और मारा जाता है", परिवार से रिश्ता समाप्त करने पर रोहणी यादव का बड़ा आरोप ⁕
  • ⁕ Wardha: नकली नोट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश; पुलिस और एलसीबी ने की कार्रवाई ⁕
  • ⁕ Nagpur: मौज मस्ती करते ओयो में मिला कुख्यात वाहन चोर, क्राइम ब्रांच के वाहन चोरी विरोधी दस्ते की कार्रवाई ⁕
  • ⁕ उपराजधानी नागपुर के तापमान में गिरावट का सिलसिला जारी, गुरुवार को न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस हुआ दर्ज ⁕
  • ⁕ Amravati: विवाह समारोह में स्टेज पर दूल्हे पर चाकू से जानलेवा हमला, आरोपी अकोला से गिरफ्तार ⁕
  • ⁕ Akola: बालापुर नगर परिषद चुनाव सुरक्षा सतर्कता! पुलिस और महसूल विभाग ने शुरू किया संयुक्त जांच अभियान ⁕
  • ⁕ Gondia: जिले में धान क्रय केंद्र शुरू नहीं होने से किसान चिंतित, किसानों ने जल्द से जल्द खरीदी केंद्र शुरू करने की मांग ⁕
  • ⁕ जीरो माइल मेट्रो टनल परियोजना: उच्च न्यायालय ने लिया स्वत: संज्ञान, अदालत ने महा मेट्रो से अनुमतियों और सुरक्षा मानकों की मांगी जानकारी ⁕
National

यूपीएससी से नौकरशाही में लेटरल एंट्री से संबंधित विज्ञापन को सरकार ने रद्द करने को कहा


नई दिल्ली: सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) से नौकरशाही में लेटरल एंट्री से संबंधित विज्ञापन रद्द करने को कहा है। हाल ही में यूपीएससी ने केंद्रीय मंत्रालयों में 45 संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था, जिस पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं। 

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी की अध्यक्ष प्रीति सूदन को पत्र लिखकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृढ़ विश्वास है कि लेटरल एंट्री की प्रक्रिया, खासकर आरक्षण के प्रावधानों के संबंध में संविधान में निहित समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप होनी चाहिए। 

मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए सार्वजनिक रोजगार में आरक्षण सरकार के सामाजिक न्याय ढांचे की आधारशिला है, जिसका उद्देश्य ऐतिहासिक अन्याय को दूर करना और समावेशिता को बढ़ावा देना है। 

उन्होंने कहा कि चूंकि पार्श्विक प्रवेश पदों को विशेषज्ञतापूर्ण माना गया है और उन्हें एकल-कैडर पद के रूप में नामित किया गया है, इसलिए इन नियुक्तियों में आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं किया गया है, और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने पर श्री मोदी के फोकस के संदर्भ में इस पहलू की समीक्षा और सुधार की आवश्यकता है।