WHO ने भारत में कफ सिरप से बच्चों की मौत पर जताई चिंता, अन्य देशों में सिरप के निर्यात को लेकर मांगा स्पष्टीकरण
 
                            नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से हुई मौतों पर भारत से स्पष्टीकरण मांगा है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा है कि देश में स्थानीय स्तर पर बिकने वाली सिरप दवाओं की जाँच में ‘नियामक खामी’ है।
अधिकारियों का कहना है कि भारत में बच्चों की मौत, खांसी की दवा खाने से हुई, जिसमें विषाक्त डाइएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा अनुमेय सीमा से लगभग 500 गुना ज़्यादा थी। ये सभी मौतें कोल्ड्रिफ दवा के कारण हुईं, जिस पर 2 अक्टूबर को एक परीक्षण में इस रसायन की मौजूदगी की पुष्टि होने के बाद प्रतिबंध लगा दिया गया था।
गुजरात और अन्य राज्यों द्वारा बुधवार को जारी एक सार्वजनिक चेतावनी के अनुसार, रेस्पिफ्रेश और रिलाइफ सिरप में भी डाइएथिलीन ग्लाइकॉल होता है, जिसमें इसे "एक विषैला रसायन" बताया गया है जो गंभीर विषाक्तता पैदा कर सकता है, जिसमें किडनी फेल होना, तंत्रिका संबंधी जटिलताएँ और यहाँ तक कि मृत्यु भी शामिल है, खासकर बच्चों में।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत में कफ सिरप के कारण हुई मौतों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इस पर स्पष्टीकरण मांगा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वो इन घटनाओं की गंभीरता को समझता है और इन दुखद घटनाओं की जांच और प्रतिक्रिया में राष्ट्रीय अधिकारियों को सहयोग देने के लिए तैयार है। सीडीएससीओ ने पुष्टि की है कि इनमें से कोई भी उत्पाद अन्य देशों को निर्यात नहीं किया जाता है।
 
                 
         
 
 
 
 
     
             
     
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                
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