नाना पटोले के निलंबन को उपमुख्यमंत्री शिंद ने बताया सही, पूछा- क्या खबरों में बने रहने के लिए कांग्रेस नेता ने ऐसा किया?
मुंबई: मानसून सत्र में मंगलवार को विधानसभा में अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला। कांग्रेस नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुधा नाना पटोले ने किसानों के मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाया और सीधे अध्यक्ष की कुर्सी पर जाकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से माफी मांगने की मांग की। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उनकी इस हरकत की कड़ी आलोचना की और पूछा कि क्या नाना पटोले खबरों में बने रहने की कोशिश कर रहे हैं।
नाना पटोले ने भाजपा नेता बबनराव लोनीकर और कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे द्वारा किसानों का अपमान करने का मुद्दा उठाया। इस अवसर पर बोलते हुए नाना पटोले ने कहा था कि मोदी तुम्हारे पिता होंगे, किसानों के नहीं। वे सीधे अध्यक्ष के आसन पर गए और लोनीकर मामले में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से माफी मांगने की मांग की। इस पर एकनाथ शिंदे ने उपरोक्त प्रतिक्रिया दी है।
एकनाथ शिंदे ने वास्तव में क्या कहा?
नाना पटोले खुद विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्हें सारी कार्यवाही की जानकारी है। उन्हें यह भी पता है कि विधानसभा की पवित्रता बनी रहनी चाहिए। लेकिन पता नहीं आज वे इतने व्यस्त क्यों हो गए। एकनाथ शिंदे ने कहा कि नाना पटोले से इस तरह की हरकत की उम्मीद नहीं थी। वे दिल्ली में कांग्रेस में नहीं दिखे। तो क्या उनका प्रयास अपने नाम की चर्चा करवाना, फिर से चर्चा में आना था? एकनाथ शिंदे ने यह सवाल उठाया।
एकनाथ शिंदे ने आगे कहा, "विधानसभा में जनता ने उन्हें झटका दिया, कांग्रेस छह फीट पर लटकी हुई स्थिति में है। नाना पटोले को आज की घटना से कुछ सीखना चाहिए।" शिंदे ने नाना पटोले के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि उनका यह कदम मूर्खतापूर्ण है।
बाप तो बाप होता है
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अकेले में जिक्र करना भी नियमों और हमारी परंपरा के अनुरूप नहीं है। इसलिए प्रधानमंत्री का सम्मान किया जाना चाहिए। कांग्रेस के राहुल गांधी देश से बाहर जाकर देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करते हैं। अब नाना पटोले ने भी बीच-बीच में प्रधानमंत्री का जिक्र करके खबरों में बने रहने की व्यर्थ कोशिश की है। वह मोदी की आलोचना करके खबरों में बने रह सकते हैं, इसलिए शिंदे ने नाना पटोले पर भी तंज कसते हुए कहा, "बाप तो बाप होता है।"
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