logo_banner
Breaking
  • ⁕ प्रशासन द्वारा समय पर लिया गया सुओ मोटो, राजुरा विधानसभा क्षेत्र में फर्जी मतदाता पंजीकरण को रोकने में सफल ⁕
  • ⁕ Nagpur: खापरखेड़ा पुलिस की बड़ी कार्रवाई; अवैध रेती तस्करी का भंडाफोड़, तीन आरोपी गिरफ्तार ⁕
  • ⁕ नागपुर में 'I LOVE Muhammad' की दस्तक; ताजबाग इलाके में लगे बैनर, पुलिस जाँच शुरू ⁕
  • ⁕ Bhandara: विधायक के कार्यक्रम में बड़ा हादसा, गायन कार्यक्रम के दौरान मंच गिरा; विधायक नरेंद्र भोंडेकर और कई कार्यकर्ता नीचे गिरे ⁕
  • ⁕ विदर्भ में 1 से 5 अक्टूबर तक मूसलाधार बारिश का खतरा, IMD ने जारी किया 'येलो' अलर्ट; किसानों की चिंता बढ़ी ⁕
  • ⁕ ‘लाडली बहन योजना’ लाभार्थियों को तकनीकी अड़चनों का करना पड़ रहा सामना, ई-केवाईसी प्रक्रिया में समस्या से महिलाओं में नाराजगी ⁕
  • ⁕ राज्य में अतिवृष्टि से हुआ 60 लाख हेक्टेयर में लगी फसलों का नुकसान, मुख्यमंत्री ने कहा- अकाल के दौरान किये जाने वाले सभी उपाए किये जाएंगे लागु ⁕
  • ⁕ Gadchiroli: श्रीरामसागर जलाशय से भारी मात्रा में छोड़ा जा रहा पानी, गढ़चिरोली के सिरोंचा में बाढ़ आने की आशंका ⁕
  • ⁕ Yavatmal: यवतमाल के वणी में आदिवासी समाज का भव्य आरक्षण बचाव मोर्चा ⁕
  • ⁕ पश्चिम विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ का विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ में विलय, विधायक सुधाकर अडाबले ने निर्णय का किया स्वागत ⁕
National

'सोशल मीडिया एक अनियंत्रित अभिव्यक्ति, जहां फ्रीडम ऑफ़ स्पीच के नाम पर परोसा जा रहा अश्लील कंटेंट', आईटी मंत्री वैष्णव की बड़ी टिप्पणी


नई दिल्ली: सोशल मीडिया को लेकर विवाद लगातार जारी है। कोई इसे अभिव्यक्ति की आजादी बताता है तो कोई इसे झूठ और फरेब परिसने का प्लेटफार्म। सोशल मीडिया पर फायरवाल यानी बैरियर लगाने जिससे उसमें परोसने वाले कंटेंट का छाना जा सके। यानी की यह जांचा जा सके की जो उपलोड किया जा रहा है वह सही है या नहीं। इसी के साथ व्यूज के नाम पर जिस तरह की अश्लील सामग्री डाली जा रही है उसपर रोक लगाई जा सके। इन्हीं चर्चाओं के बीच केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने सोशल मीडिया को अनियंत्रित अभिव्यक्ति बताते हुए कहा कि, " फ्रीडम ऑफ़ स्पीच के नाम पर परोसे जा रहे अश्लील कंटेंट पर रोक लगनी बहुत जरुरी है।"

संसद में प्रश्नकाल के दौरान सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री की जांच के लिए कानूनों की मांग पर सवाल पूछा गया। जिसपर जवाब देते हुए वैष्णव ने कहा कि, "यह विषय वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण है। आज जिस तरह से संपादकीय सामग्री हुआ करती थी, संपादकीय जाँच होती थी, कोई चीज़ सही है या गलत है, उसके बारे में पूरा निर्णय लिया जाता था, वह समाप्त हो गया है।"

उन्होंने आगे कहा, "आज सोशल मीडिया एक तरफ़ प्रेस की आज़ादी का एक बहुत बड़ा माध्यम है, लेकिन साथ ही, दूसरी तरफ़ उस संपादकीय जाँच के समाप्त होने से यह एक अनियंत्रित अभिव्यक्ति है जिसमें कई तरह की अश्लील सामग्री भी चलती है। मौजूदा कानून को निश्चित रूप से और मजबूत करने की ज़रूरत है और मैं अनुरोध करूँगा कि इस पर आम सहमति बनाई जानी चाहिए।"

आईटी मंत्री ने आगे कहा कि, "हमारे देश की संस्कृति और उन देशों की संस्कृति में बहुत अंतर है जहां से ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आए हैं इसलिए मैं चाहूंगा कि संसद की स्थायी समिति इस मुद्दे को उठाए और इस पर सख्त कानून बने।"