सैंड इस्तेमाल को बढ़ावा देने राज्य में नई पॉलिसी लागू; राजस्वमंत्री बावनकुले ने की घोषणा, शर्तें तोड़ने पर लाइसेंस होगा रद्द
मुंबई/नागपुर: राज्य में अब कंस्ट्रक्शन वर्क के लिए रेत की किल्लत दूर होने जा रही है। सरकार ने आर्टिफिशियल रेत, यानी M सैंड के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए नई पॉलिसी लागू कर दी है। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि अब हर ज़िले में M सैंड यूनिट को मंज़ूरी देने का अधिकार सीधे डिस्ट्रिक्ट कलेक्टरों को मिल गया है। इस फैसले से न सिर्फ़ निर्माण कार्यों को गति मिलेगी, बल्कि प्राकृतिक रेत के अंधाधुंध दोहन पर भी लगाम लगेगी।
सरकार के आदेश के अनुसार, अब M सैंड यूनिट को मंज़ूरी देने का अधिकार सीधे ज़िला कलेक्टरों को दिया गया है। पहले यह सीमा 50 यूनिट तक थी, जिसे बढ़ाकर 100 यूनिट कर दिया गया है। सरकार का उद्देश्य है कि M सैंड के उपयोग से प्राकृतिक रेत पर निर्भरता कम हो और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिले।
अगर कोई लाइसेंसधारी M सैंड यूनिट के लिए तय शर्तों का उल्लंघन करता है, तो उसका लाइसेंस पहले निलंबित किया जाएगा, और दोबारा उल्लंघन करने पर स्थायी रूप से रद्द कर दिया जाएगा। ई पॉलिसी से ज़िलों में कंस्ट्रक्शन सेक्टर को राहत मिलने और रेत की कमी की समस्या कम होने की उम्मीद जताई जा रही है।
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