कर्जमाफी के मुद्दे पर अनिल देशमुख ने फडणवीस सरकार को घेरा, कहा- ये किसानों के मुद्दे पर अपनी भाषा बदलने वाले लोग

पुणे: देवेंद्र फडणवीस सरकार जब वोट मांग रही थी, तब वह जनसभाओं में कहते थे कि वह किसानों का कर्ज माफ करेंगे और उन्हें पूरा पैसा चुकाना होगा। लेकिन अब उनकी सरकार के उपमुख्यमंत्री ने अपना रुख बदल दिया है और कहा है कि किसानों को 31 तारीख से पहले पैसा चुकाना चाहिए, ऐसा पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने महायुति की आलोचना करते हुए कहा।
अनिल देशमुख ने कहा, शरद पवार इस उम्र में भी इतने आत्मविश्वासी हैं कि पार्टी विभाजन के दौरान वे यह कहकर लड़ने के लिए अपनी तत्परता दिखा रहे थे कि वे युवाओं के साथ इस पार्टी का निर्माण करेंगे, जो भी जाना चाहे, वह जा सकता है।
अनिल देशमुख ने कहा कि आज भले ही हालात अलग हों, लेकिन क्या आपको पता है कि इस बीच विधानसभा चुनाव में क्या हुआ? लोकसभा चुनाव के दौरान जो तस्वीर थी, फिर विधानसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन क्षेत्र की सूची, ईवीएम और मतदाता पहचान पत्र फर्जी हैं और इसलिए जीत भी फर्जी है। यह सरकार ईवीएम सरकार है।
फडणवीस की आलोचना
अनिल देशमुख ने कहा कि जिस तरह से विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस किसानों की कर्जमाफी की बात कर रहे थे। वो कह रहे थे कि हमारी सरकार आएगी तो हम किसानों का कर्ज माफ करेंगे, किसानों का कर्ज माफ करेंगे। लेकिन चुनाव के बाद उनकी सरकार के उपमुख्यमंत्री कह रहे हैं कि सत्ता में आने के बाद उन्होंने अपनी भाषा बदल ली है और कह रहे हैं कि 31 तारीख के बाद बैंक का पैसा चुकाया जाएगा।
देशमुख ने बताई पार्टी विभाजन की कहानी
अनिल देशमुख ने कहा कि जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विभाजन हुआ और कुछ नेता पार्टी छोड़कर चले गए, तब मैं जयंत पाटिल, राजेश टोपे, जितेंद्र आव्हाड और 10 से 15 अन्य लोगों के साथ शरद पवार से मिलने गया था। उस समय एक- एक करके लोग पार्टी छोड़कर जा रहे थे। इस समय शरद पवार ने कहा कि वे लोग हमें छोड़कर जा रहे हैं, आपमें से कोई भी जाना चाहे तो जा सकता है। शरद पवार ने उस समय विश्वास जताया था कि वे महाराष्ट्र के युवाओं को साथ लेकर हमारी पार्टी को बड़ा बनाएंगे। हम पिछले 26 वर्षों से शरद पवार के नेतृत्व में काम कर रहे हैं। इसलिए आप सभी को सालगिरह पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। मैं कोई भाषण नहीं दूंगा।

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