शक्तिपीठ हाईवे के विरोध में बच्चू कडू, राज्य सरकार पर बोला हमला, कहा - मुख्यमंत्री को सद्बुद्धि के भगवान

नागपुर: राज्य सरकार ने जहां शक्तिपीठ हाईवे के लिए भूमि अधिग्रहण हेतु 20 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराकर हाईवे को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है, वहीं शक्तिपीठ हाईवे संघर्ष समिति आक्रामक हो गई है और राज्य में विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। इस पृष्ठभूमि में प्रहार जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष बच्चू कडू ने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस की कड़ी आलोचना की है। बच्चू कडू ने कहा कि मुख्यमंत्री पंढरपुर जाने वाले हैं, आशा है कि भगवान उन्हें बुद्धि दे और फडणवीस किसानों को दिलासा देने वाली खबर सुनाएं।
कडू ने कहा कि धन-संपत्ति देने वाली मिटटी ही असली शक्तिपीठ है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह प्राथमिक कर्तव्य है कि वह अपने लिए काम करने वाले किसान के लिए न्याय का मार्ग खोले। हमने 85,000 करोड़ रुपये का राजमार्ग नहीं मांगा था। इसे हम पर थोपा नहीं जाना चाहिए। ऋण माफी को सुविधाजनक ढंग से नजरअंदाज करके कुछ लोगों की जेबें भरने पर ध्यान देने की कोई आवश्यकता नहीं है। बच्चू कडू ने कहा है कि सबसे पहले भूमि के रूप में वास्तविक शक्तिपीठ की रक्षा करना महत्वपूर्ण है और इसीलिए हम शक्तिपीठ हाईवे का विरोध करने वाले सभी संगठनों का समर्थन करते हैं।
वहीं, नाना पटोले को विधानसभा से एक दिन के लिए निलंबित करने के बारे में कडू ने कहा कि भाजपा को किसी भी स्थिति में विरोधक रहने नहीं देना है। यहां आपातकाल से भी अधिक भूमिगत आपातकाल है। कडू ने कहा कि भाजपा की स्थिति है ईडी लगाने की, भाजपा अपनी राम राज्य की अवधारणा प्रस्तुत कर रही है।
इसी के साथ किसानों की कर्जमाफी की मांग को लेकर बच्चू कडू ने बताया कि इस विषय में 3 तारीख को बैठक बुलाई गई है। राजस्व मंत्री बावनकुले इसमें क्या करते हैं, क्या कर्जमाफी यह चुनाव से पहले होगा या बाद में? ये देखना होगा। कडू ने कहा कि यदि कर्जमाफी नहीं हुई तो भाजपा को इसके परिणाम भुगतने होंगे। यहां तक कि शहरों और ग्रामीण इलाकों के लोग भी आपको वोट नहीं देंगे। आपको झटका जरुर दिया जाएगा।

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