Bhandara: जिला बैंक चुनाव का हुआ ऐलान, सभी राजनीतिक दलों ने शुरू की तैयारी

भंडारा: जिले में सहकारिता क्षेत्र में अग्रणी बन चुका भंडारा जिला केंद्रीय सहकारी बैंक 113 वर्षों का स्वर्णिम सफर पूरा कर रहा है। 1911 में स्थापित यह बैंक आज भी 'किसानों के बैंक' के नाम से जाना जाता है। अब 9 वर्षों के बाद होने वाला संचालक मंडल का चुनाव केवल पदाधिकारियों के चुनाव तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे जिले की सहकारी राजनीति का केंद्र बिंदु भी होगा। इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि जिले के सहकारिता क्षेत्र में राजनीतिक भंडारा कौन उड़ाएगा।
दिलचस्प बात यह है कि भंडारा जिले में नौ साल बाद बहुप्रतीक्षित जिला केंद्रीय बैंक के चुनाव घोषित हो चुके हैं और बैंक के चुनाव हो रहे हैं। भंडारा जिला बैंक के 21 निदेशकों के चुनाव के लिए 27 जुलाई को मतदान होगा और 28 जुलाई को मतगणना होगी। इस जिला बैंक चुनाव में 1056 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। नामांकन पत्र दाखिल करने की अवधि 23 जून से 27 जून तक है।
भंडारा जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करीब नौ साल के अंतराल के बाद की गई है। इस बैंक के संचालक मंडल में कुल 21 संचालक पदों के लिए 27 जुलाई को मतदान होगा। मतगणना 28 जुलाई को होगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार सेवा सहकारी समिति निर्वाचन क्षेत्र से 7, अन्य संस्था निर्वाचन क्षेत्र से 8, महिला प्रवर्ग से 2, व्यक्तिगत सदस्य प्रवर्ग से 1, अन्य पिछड़ा वर्ग से 1, अनुसूचित जाति जनजाति प्रवर्ग से 1 तथा विशेष पिछड़ा वर्ग से 1 संचालक का चुनाव किया जाएगा। इस चुनाव में सभी निर्वाचन क्षेत्रों से कुल 1056 मतदाता 21 संचालकों को चुनने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
घोषित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार बैंक संचालक पद के लिए उम्मीदवार 23 से 27 जून तक सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक भंडारा कार्यालय में रिटर्निंग अधिकारी एवं जिला उप पंजीयक सहकारी संस्था प्रभारी की उपस्थिति में अपना नामांकन प्रस्तुत कर सकते हैं। प्राप्त नामांकनों की सूची प्रतिदिन दोपहर 3 बजे के बाद प्रकाशित की जाएगी। प्रस्तुत नामांकन पत्रों की जांच 30 जून को सुबह 12 बजे से की जाएगी। वैध नामांकन पत्रों की सूची 1 जुलाई को प्रकाशित की जाएगी। 1 से 15 जुलाई तक सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। 16 जुलाई को पात्र उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे तथा अंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी। यदि आवश्यक हुआ तो 27 जुलाई को सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा। 28 जुलाई को सुबह 9 बजे से मतगणना शुरू होगी तथा मतगणना के तुरंत बाद चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे।
वर्ष 1911 में स्थापित जिला बैंक को आज भी 'शेतकरी बैंक' के नाम से जाना जाता है। वर्तमान में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता सुनील फुंडे इस बैंक के अध्यक्ष हैं। हालांकि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा हो चुकी है, लेकिन राजनीतिक दल और इच्छुक उम्मीदवार पिछले कुछ महीनों से इन चुनावों की तैयारी में जुटे हैं। नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही चुनावी गतिविधियां भी तेज हो गई हैं। जैसे- जैसे समय बीतता जाएगा, चुनाव में नए समीकरण बनते नजर आएंगे। नामांकन वापसी के बाद ही अंतिम स्थिति स्पष्ट होगी कि कौन चुनावी मैदान में रहेगा और कौन से उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे।
प्रमुख राजनीतिक दलों की प्रतिष्ठा दांव
जिला बैंक चुनाव को लेकर राजनीतिक घटनाक्रम तेज हो गया है और यह चुनाव सिर्फ डायरेक्टर पद के लिए नहीं है बल्कि जिले के प्रमुख राजनीतिक दलों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। पूरे जिले की नजर इस बात पर है कि राज्य के सहकारी क्षेत्र में फसल ऋण वितरण और वसूली में अग्रणी इस बैंक पर किस पार्टी का कब्जा होता है। संभागीय संयुक्त पंजीयक कार्यालय द्वारा मतदाता सूची और संभावित उम्मीदवारों की सूची घोषित होने के बाद जल्द ही चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने की संभावना है।
21 निदेशक पदों के लिए कई लोगों ने भरा जुर्माना
इस चुनाव में 7 तहसील में 21 संचालक पदों के लिए मुकाबला होगा। प्रत्येक तालुका में दावेदार आगे बढ़ रहे हैं और पैनल संरचना, राजनीतिक समूहों का गठबंधनों में परिवर्तन और स्थानीय निकायों की पकड़ के कारण मुकाबला कड़ा होगा। इसमें डेयरी संगठन समूह के 143 और गैर ग्रामीण सड़क संगठन समूह के 118 मतदाता निर्णायक होंगे। इसलिए उम्मीदवारों का ध्यान इन मतदाता समूहों को अपने पक्ष में करने पर केंद्रित है। इस बीच, राजनीतिक रंग, प्रमुख इच्छुक सुनील फुंडे का नाम एक बार फिर अध्यक्ष पद के लिए सबसे आगे है। कई लोगों ने प्रतिस्पर्धा करने के लिए पर्चा दाखिल किया है। राजनीति में इस चुनाव का विशेष महत्व है। एनसीपी (अजित पवार गुट), भाजपा, कांग्रेस, शिवसेना जैसी पार्टियाँ अपनी ताकत लगा रही हैं।

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