रंजीत सफेलकर को बड़ी राहत, रंगदारी मामले में अदालत ने किया बरी
नागपुर: जेल में बंद श्रीराम सेना अध्यक्ष रंजीत सफेलकर को अदालत से बड़ी राहत मिली है। रंगदारी मामले में अदालत ने सफेलकर सहित उसके सभी सहयोगियों को बरी कर दिया है।
कलमना पुलिस थाने में दुकान मालिक रवि डिकोंडवार ने रंजीत और उसके साथियों के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने की शिकायत दर्ज कराई थी. आरोप था कि आरोपी रंजीत दोनों दुकानों को खरीदना चाहता था। रवि के मन करने पर आरोपी ने उनके साथ मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी। आरोपियों ने दुकान की जगह पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर वहां पर कार्यालय शुरू कर दिया। जगह का किराया मांगने को लेकर उन्होंने दुकान के मालिक डिकोड़वार को जान से मारने की धमकी दी।
पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जाँच शुरू की। पुलिस ने इस मामले में नौ लोगों से पूछतछ की और उनके बयान दर्ज किये गए। सुनवाई के दौरान पीड़ित के वकील ने फोन रिकॉर्डिंग को भी साक्ष्य के तौर अदालत में पेश किया। लेकिन बचाव पक्ष के वकील प्रकाश जयसवाल ने तर्क दिया कि यह पूरी तरह से सिविल विवाद है और पुलिस ने रंजीत सफेलकर को झूठे मामलों में फंसाने के लिए इसे अपराध में बदल दिया है।
बचाव पक्ष के वकील ने साबित किया कि फोन की कोई बरामदगी नहीं हुई, साथ ही विवादित स्थान का स्वामित्व शिकायतकर्ता के पास नहीं है, मामला अविश्वसनीय साक्ष्यों पर आधारित है। जिसके बाद कोर्ट ने रंजीत सफेलकर सहित चार लोगों को बरी कर दिया।
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