सीबीएसई ने लिया अहम् निर्णय, अब साल में दो बार आयोजित होगी 10th बोर्ड की परीक्षा; मॉडल को दी मंजूरी

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं की परीक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सीबीएसई के नए फैसले के मुताबिक सीबीएसई की ओर से साल में दो बार परीक्षा आयोजित की जाएगी। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बताया कि सीबीएसई ने दो बार परीक्षा आयोजित करने के मॉडल को मंजूरी दे दी है। पहली परीक्षा फरवरी और दूसरी परीक्षा मई में आयोजित की जाएगी।
कक्षा 10 के छात्रों के लिए पहली परीक्षा फरवरी माह में देना अनिवार्य कर दिया गया है। दूसरी परीक्षा में भाग लेना वैकल्पिक कर दिया गया है। जिन छात्रों को पहली परीक्षा में कम अंक मिले हैं, वे दूसरी परीक्षा देकर अपने अंक बढ़ा सकते हैं। हालांकि नए नियमों के मुताबिक साल में एक बार आंतरिक मूल्यांकन किया जाएगा।
सीबीएसई की ओर से तैयार किए गए मसौदे के मुताबिक सीबीएसई की ओर से 10वीं की पहली परीक्षा फरवरी माह में आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा 17 फरवरी से 6 मार्च के बीच आयोजित की जाएगी। दूसरे चरण की परीक्षा 5 से 20 मई के बीच आयोजित की जाएगी। पहले और दूसरे चरण की परीक्षाओं का सिलेबस एक जैसा होगा। दोनों परीक्षाएं पूरे पाठ्यक्रम पर आधारित होंगी। दोनों परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र भी एक ही होगा।
दोनों परीक्षाओं की फीस परीक्षा आवेदन जमा करते समय देनी होगी। पहली परीक्षा के अंकों से संतुष्ट न होने वाले छात्रों के लिए दूसरे अवसर के रूप में दूसरी परीक्षा आयोजित की जाएगी।
छात्रों को अंक बढ़ाने का अवसर
अगर कोई छात्र दोनों परीक्षाएं देता है तो यह सवाल उठ सकता है कि कौन से अंक स्वीकार किए जाएंगे। सीबीएसई के नियमों के अनुसार, दोनों परीक्षाओं में अधिक अंक वाले अंक स्वीकार किए जाएंगे। अगर पहली परीक्षा में अंक अच्छे हैं और दूसरी परीक्षा में उससे कम अंक हैं तो पहली परीक्षा के अंक स्वीकार किए जाएंगे।
इस फैसले के साथ केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड छात्रों को दो परीक्षाएं देने का अवसर देकर अपने अंक बढ़ाने का विकल्प दे रहा है। अगर कुछ कठिनाइयों के कारण अधिक अंक वाली परीक्षा के अंक स्वीकार किए जाएंगे। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सीबीएसई के इस फैसले का छात्र और अभिभावक किस तरह से स्वागत करते हैं। इससे देशभर में केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड के कक्षा 10 के छात्रों को लाभ मिलेगा। पिछले कुछ सालों में सीबीएसई बोर्ड से पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

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