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Chandrapur

चंद्रपुर जिला सहकारी बैंक चुनाव: कांग्रेस के दो दिग्गज आमने-सामने, बँक का चुनाव पार्टी सिम्बॉल पर नही लढा जाता काँग्रेस नेता का बयान


- पवन झबाडे

चंद्रपुर: आगामी 10 जुलाई को चंद्रपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के संचालक पदों के लिए होने वाला चुनाव न सिर्फ सहकारी क्षेत्र में बल्कि जिले की राजनीति में भी बेहद अहम माना जा रहा है। 21 संचालक पदों के लिए हो रहे इस चुनाव में राजनीतिक रंग तेजी से गहराता जा रहा है। कांग्रेस के दो बड़े नेता विधायक विजय वडेट्टीवार और सांसद प्रतिभा धानोरकर अब एक ही चुनावी अखाड़े में आमने-सामने खड़े नजर  आने की संभावना हैपिछले कई वर्षों से इस बैंक पर कांग्रेस समर्थित पैनल का दबदबा रहा है, लेकिन इस बार परिस्थितियाँ बेहद उलझी हुई और अनिश्चित राजनीतिक समीकरणों से भरी हुई हैं। खास बात यह है कि विजय वडेट्टीवार और प्रतिभा धानोरकर दोनों ही कांग्रेस पार्टी से हैं, पर दोनों की आपसी राजनीतिक खींचतान किसी से छुपी नहीं है।

विजय वडेट्टीवार ने स्पष्ट किया है कि वे कई वर्षों से बैंक के चुनावी और सांगठनिक मामलों में सक्रिय हैं और पूर्व में इस बैंक के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनका कहना है कि वह इस बार भी बैंक पर कांग्रेस की पकड़ बनाए रखने के लिए पूरी रणनीति के साथ मैदान में उतरे हैं।वहीं दूसरी ओर, सांसद प्रतिभा धानोरकर ने भी पूरी ताकत से चुनावी मोर्चा संभाल लिया है।

उन्होंने बयान दिया है कि, “हमारा उद्देश्य है कि कांग्रेस की सत्ता इस बैंक में फिर से स्थापित हो।” काँग्रेस नेताओने  यह भी कहा कि सहकारी बैंकों के चुनाव राजनीतिक पार्टी के चुनाव चिन्ह पर नहीं होते, इसलिए हालात के अनुसार निर्णय लेने पड़ते हैं। उनका यह बयान आने वाले दिनों में बदलते समीकरणों की ओर संकेत करता है।एक ही पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं के आमने-सामने आने से यह चुनाव कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी को उजागर करता है। यह शक्ति प्रदर्शन अब सिर्फ बैंक तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे जिले की राजनीति पर इसका असर पड़ सकता है।

उधर, भारतीय जनता पार्टी के पास जिले में पाँच विधायक हैं और पार्टी भी इस बैंक पर नियंत्रण पाने के लिए रणनीति बनाने में जुटी है। लेकिन बीजेपी में भी अंदरूनी खींचतान और गुटबाजी किसे किसके पक्ष में खड़ा करेगी, यह देखने वाली बात होगी। कुल मिलाकर, चंद्रपुर जिला सहकारी बैंक का यह चुनाव अब एक साधारण सहकारी संस्था का चुनाव नहीं रह गया है, बल्कि यह जिले की राजनीतिक दिशा तय करने वाला एक निर्णायक मोड़ बन चुका है। खासकर कांग्रेस में ही दो दिग्गजों के आमने-सामने आने से मुकाबला बेहद दिलचस्प और निर्णायक बन चुका है।