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Maharashtra

राज्य में सिंचाई परियोजनाओं और जलविद्युत परियोजनाओं का काम समयबद्ध तरीके से पूरा करें: CM देवेंद्र फडणवीस


मुंबई: जल संसाधन विभाग (Water Resource Department) में विभिन्न परियोजनाओं को दी गई प्रशासकीय मंजूरी और संशोधित प्रशासकीय मंजूरी तथा पंप भंडारण नीति के संबंध में किए गए एमओयू की प्रगति पर समीक्षा बैठक आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की अध्यक्षता में मुंबई के सह्याद्रि अतिथि गृह में हुई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने संबंधित अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य की सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए 381 सिंचाई परियोजनाओं को प्रशासकीय मंजूरी दी गई है। इन परियोजनाओं के माध्यम से 30 लाख 68 हजार 673 हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र का निर्माण होगा। ऊर्जा आत्मनिर्भरता के लिए महत्वपूर्ण पंप भंडारण नीति के तहत 15 निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ 3 लाख 41 हजार 721 करोड़ रुपये के 24 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके अनुसार 45 उदंचन परियोजनाओं के माध्यम से 62 हजार 125 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जबकि 96 हजार 190 रोजगार सृजित होंगे।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने निर्देश दिया कि राज्य के विकास चक्र को गति देने के लिए सिंचाई परियोजनाओं और उदंचन जलविद्युत परियोजनाओं के काम समय पर पूरे किए जाएं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि चूंकि राज्य में सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से अधिक सिंचाई क्षेत्र का निर्माण होगा, इसलिए राज्य में किसानों का जीवन अधिक सहने योग्य हो जाएगा। चूंकि उदंचन जलविद्युत परियोजनाओं से पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा उत्पन्न होगी, इसलिए इन परियोजनाओं के पूरा होने में देरी नहीं होनी चाहिए।

सरकार ने पिछले 2 वर्षों में विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के 185 कार्यों को प्रशासकीय स्वीकृति और संशोधित प्रशासकीय स्वीकृति दी है। इन सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से 26 लाख 65 हजार 909 हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र का निर्माण होगा। जबकि विशेष मरम्मत के लिए 196 कार्यों को प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। विशेष मरम्मत के माध्यम से 4 लाख 2 हजार 764 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचाई के अंतर्गत आएगा।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रशासकीय और संशोधित प्रशासकीय मंजूरी प्राप्त सिंचाई परियोजनाओं में किए गए कार्यों और निर्मित सिंचाई क्षेत्र के बारे में जानकारी दी। इस बैठक में मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल, मंत्री गिरीश महाजन, जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, विदर्भ, तापी, कोंकण, गोदावरी, कृष्णा बेसिन विकास निगम के कार्यकारी निदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।