The Detail Story: नाना पटोले रहेंगे अध्यक्ष या कोई और लेगा उनकी जगह; क्या सोचा रहा कांग्रेस आलाकमान
महाराष्ट्र कांग्रेस में जल्द ही संगठन में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। जिसकी शुरुआत बीते शुक्रवार से हो गई है। कांग्रेस आलाकमान ने मुंबई शहर अध्यक्ष पद से भाई जगताप को हटा दिया है और उनकी जगह वर्षा गायकवाड को अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है। इसके बाद से यह कयास लगाना शुरू हो गया है कि, क्या जल्द ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर भी बड़ा निर्णय लिया जा सकता है? मौजूदा अध्यक्ष नाना पटोले की जगह किसी और को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है?
आज की फुल स्टोरी पर बात करेंगे महाराष्ट्र कांग्रेस संगठन बदलाव को लेकर शुरू चर्चा, वहीं नाना पटोले कब तक अध्यक्ष रहेंगे कब तक नहीं। वहीं अगर पटोले की जगह किसे बनाया जा सकता है. महाराष्ट्र कांग्रेस का अगला प्रमुख कौन होगा। इसी के साथ कौन-कौन इस रेस में शामिल है। पहले यह समझ लेते हैं कि, पटोले के विरोध की कहानी कहां से शुरू हुई और इसमें कौन-कौन नेता शामिल हैं।
महाराष्ट्र कांग्रेस में पिछले कई महीनों से कुछ ठीक नहीं चल रहा है। प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और उनकी कार्य प्रणाली को लेकर पार्टी के अन्य बड़े नेताओं में असंतोष बढ़ता जा रहा।। किसी न किसी मुद्दे या विषय को लेकर नेताओं द्वारा पटोले का विरोध किया जा रहा है। फिर चाहे वह विधान परिषद चुनाव में उम्मीदवारी देना हो या बाजार समिति चुनाव में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा की गई बगावत पर करवाई करना है। पटोले द्वारा लिए निर्णयों से असहमत धड़े ने आलाकमान से मुलाकात कर उन्हें अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर दी है।
नाना पटोले को 2021 में महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। हालांकि, तब नेताओं द्वार आलाकमान के निर्णय को मानते हुए इसे स्वीकार किया। वहीं पटोले भी बिना किसी धड़े वाले नेता के तौर पर राज्य के अंदर काम शुरू कर दिया। शुरुआत में पार्टी के तमाम नेताओं ने उनका समर्थन करते हुए काम करना जारी रखा। हालांकि, कई विषयों पर नेताओं ने पटोले के इस दौरान पटोले के कई बयानों पर पार्टी के अन्य नेताओं द्वार विरोध क्रिया, जिसमें राज्य के अंदर होने वाले मनपा चुनावों में कांग्रेस का महाविकास आघाड़ी का साथ छोड़ अकेले लडना शामिल रहा।
वहीं विधान परिषद चुनाव के समय यह असंतोष सामने आ गया। टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता सुधीर तांबे के बेटे सत्यजीत तांबे ने टिकट देने के लिए कई आरोप लगाए। वहीं दूसरी तरफ पार्टी के वरिष्ठ नेता बालसाहेब थोरात ने आलाकमान को पत्र लिखा कर पटोले की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिया। वहीं दूसरी तरफ विजय वडेट्टीवार और सुनील केदार सहित अन्य नेताओं ने पटोले के विरोध करते हुए थोराट के समर्थन में आ खड़े हुए।
उसी दौरान नाराज नेताओं का एक धड़ा पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवाजीराव मोघे के नेतृत्व में कांग्रेस आलाकामन से मिला और उनसे पटोले को अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की।। हालांकि, तब पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने रायपुर में होने वाले कांग्रेस अधिवेशन के बाद इस पर निर्णय लेने की बात कही। वहीं अधिवेशन समाप्त होने के बाद भी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया, इसके बाद यह बात शुरू हो गई की कांग्रेस आलाकमान ने पटोले को अपना समर्थन दे दिया है, इससे यह विवाद समाप्त हो जाएगा। बात सही भी थी विवाद थमा भी, लेकिन अंदर खाने अभी भी यह जारी था।
हालांकि, बाजार समिति चुनाव के समय बने समीकरण को लेकर और पटोले द्वारा विरोधी नेताओं के समर्थकों पर की कार्रवाई से यह फिर से सबसे सामने आ गया। अपने समर्थको के विरोध में की कार्रवाई से खफा नेता एक बार फिर आलाकमान के दरबार में पहुंच गए और पटोले को उनके पद से हटाने की मांग कर दी। वहीं दूसरी तरफ पटोले समर्थक भी दिल्ली पहुंचे और आगामी चुनाव तक उन्हें ही अध्यक्ष बनायें रखने की मांग की।
पटोले ने भी विरोधियों के खिलाफ हुंकार भरते हुए कहा कि, मुझे कोई हटा नहीं सकता। आने वाला लोकसभा और विधानसभा चुनाव मेरे ही नेतृत्व में लड़ा जाएगा। लेकिन सूत्रों की मानें तो पटोले भले ही अध्यक्ष बने रहने की बात कर रहे हैं, लेकिन विरोश को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान उनके बदलाव पर भी विचार करने लगा है।
कांग्रेस आलाकमान आगामी लोकसभा चुनाव में कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है। महाराष्ट्र राज्यों में शामिल है जहां कांग्रेस को लगता है की वह बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। इसी कारण आलाकमान नेताओं के आपसी मनमुटाव के कारण होने वाले नुकसान का चांस नहीं लेना चाहती।
कौन बन सकता है अगला अध्यक्ष
नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए राज्य में चार नेताओं का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। इन नामों में पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चौहान, सावनेर विधायक सुनील केदार, तिवसा विधायक यशोमति ठाकुर और कांग्रेस अनुसूचित सेल के प्रमुख नितिन राउत का शामिल है। सबसे महत्वपूर्ण चौहान जहां मराठवाड़ा के नांदेड़ इलाके से आते हैं। वहीं बाकी तीनों विदर्भ के नागपुर और अमरावती जिले से हैं।
अशोक चौहान की अध्यक्ष बनने की प्रबल संभावना
हालांकि, इन सभी चार नामों में अध्यक्ष बनने की प्रबल संभावना अशोक चौहान की हो रही है। कांग्रेस आलाकमान का मानना है कि, भले केदार, यशोमति केवल अपने-अपने जिलों बेहद ताकतवर नेता के तौर पर जाने जाते हैं, लेकिन वह जिले तक ही सीमित हैं। वहीं नितिन राऊत राऊत वर्तमान में अनुसूचित जाति सेल राष्ट्रीय अध्यक्ष हो लेकिन अशोक चौहान की स्वीकार्यता राउत से ज्यादा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि, चौहान के अध्यक्ष बनने से किसी भी गुट को कोई दिक्कत नहीं होगी। वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रहने के कारण सभी लोग उन्हें जानते हैं।
पिछले दिनों नागपुर में आयोजित एक सभा में विधायक केदार ने सरे आम चौहान को अपना अभिभावक बता दिया था और साथ ही भविष्य में उनके मार्गदर्शन में काम करने की बात कही थी। हालांकि, अब देखना होगा कि, कांग्रेस आलाकमान क्या निर्णय लेता है। नाना पटोले अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे या किसी और नेता को यह जिम्मेदारी मिलेगी।
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