नक्सलियों ने की सरकार से एक महीने का संघर्ष विराम लागू करने की मांग, कहा- वार्ता के लिए मिले सुरक्षा

गडचिरोली: गृहमंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सल मुक्त करने का ऐलान किया है। इसी के मद्देनजर सुरक्षाबलों और पुलिस लगातार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में एंटी नक्सल अभियान चलाकर नक्सलियों को या तो ख़त्म कर रही है या उन्हें सरेंडर करवा रही है। लगातार कार्रवाई से नक्सलियों में हड़कंप मचा हुआ है। वह लगातार पत्र जारी कर सरकार से शांति की अपील कर रहे हैं। यही नहीं नक्सलियों ने सरकार से बातचीत का भी प्रस्ताव दिया है। इसी बीच नक्सलियों ने एक और पत्र जारी किया है। जिसमें उन्होंने एक महीने का संघर्ष विराम लागू करने की मांग की है। इसी के साथ बातचीत के लिए सभी नक्सल नेताओं को एक मंच पर लाने के लिए सुरक्षा देने की भी मांग की है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी के उत्तर प्रश्चिम सब जोनल व्यूरो के प्रभारी रुपेश द्वारा यह पत्र जारी किया है। जिसमें उसने सरकार से स्थाई समाधान के लिए बातचीत करने की बात को दोहराया है। नक्सली कमांडर ने आगे कहा कि, "वार्ता के लिए हमारी तरफ़ से प्रतिनिधित्व के लिए नेतृत्वकारी कामरेडों से मिलना ज़रूरी है। इसलिए सरकार से मेरी अपील है कि, एक महीने तक सशस्त्र बलों के ऑपरेशन पर रोक लगाई जाए।"
देखें पत्र में क्या लिखा है?
दो महीने में जारी किया तीन पत्र
ज्ञात ही कि, सुरक्षाबलों द्वारा लगातार छत्तीसगढ़ सहित नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अभियान चलकर नक्सलियों को समाप्त कर रही है। पुलिस और एंटी-नक्सल फ़ोर्स की ताबड़तोड़ कार्रवाई से नक्सलियों की कमर टूट गई है। पिछले दो दशकों से जो भारत के संविधान को नहीं मानाने की बात करते थे, वह अब शांति के लिए बातचीत करने की दुहाई देने लगे हैं। पिछले दो महीने में नक्सलियों ने तीन पत्र जारी कर सरकार से कार्रवाई पर रोक लगाने और बातचीत करने का आग्रह किया है।

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