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इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण के लिए नई नीति जाहिर; 4,150 करोड़ का निवेश करने वाली कंपनियों लेगेला 15 प्रतिशत आयत शुल्क


नई दिल्ली: भारत सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों के विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई योजना के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत, भारत में विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए कम से कम ₹4,150 करोड़ का निवेश करने वाली कंपनियों को केवल 15% आयात शुल्क पर सालाना 8,000 इलेक्ट्रिक कारों का आयात करने की अनुमति दी जाएगी। वर्तमान में, शुल्क 70% से 100% के बीच है।

छूट 5 साल के लिए उपलब्ध होगी। यह छूट केवल 35,000 डॉलर (लगभग 30 लाख रुपये) या उससे अधिक कीमत वाली कारों पर लागू होगी। इस योजना के तहत, कंपनियों को तीन साल के भीतर निवेश पूरा करना होगा और भारत में विनिर्माण इकाई स्थापित करनी होगी। आवेदन प्रक्रिया जून 2025 से शुरू हो सकती है। इच्छुक कंपनियां 15 मार्च, 2026 तक आवेदन कर सकती हैं। आवेदन के साथ 5 लाख रुपये का नॉन-रिफंडेबल शुल्क देना होगा।

टेस्ला को लेकर कुमारस्वामी ने किया बड़ा खुलासा

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि टेस्ला भारत में इलेक्ट्रिक वाहन नहीं बनाएगी। टेस्ला ने मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में अपने शोरूम के लिए स्थान तय कर लिया है। मर्सिडीज-बेंज और स्कोडा-वोक्सवैगन, हुंडई और किआ ने ईवी उत्पादन में रुचि दिखाई है।

यह भी शर्त है; कंपनी को चौथे वर्ष में ₹5,000 करोड़ और पांचवें वर्ष में ₹~7,500 करोड़ का वार्षिक राजस्व प्राप्त करना चाहिए। सरकार ने राजस्व से संबंधित शर्तें भी जोड़ी हैं। किसी भी पात्र कंपनी को चौथे वर्ष में ₹5,000 करोड़ और पांचवें वर्ष में ₹7,500 करोड़ का वार्षिक राजस्व प्राप्त करना होगा।"

उन्होंने आगे कहा, "यदि लक्ष्य पूरा नहीं होता है, तो राजस्व में अंतर पर 3% तक का जुर्माना देना होगा। इससे कंपनियों को आयात पर निर्भर न रहकर भारत में निर्माण और बिक्री करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस नीति से भारत में मौजूदा इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। फिलहाल देश में ईवी मार्केट में टाटा और महिंद्रा जैसी कंपनियां सबसे आगे हैं।

यह छूट केवल 35,000 डॉलर (करीब 30 लाख रुपये) या उससे ज़्यादा कीमत वाली कारों पर ही लागू होगी। इस योजना के तहत कंपनियों को तीन साल के भीतर निवेश पूरा करके भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगानी होगी। आवेदन प्रक्रिया जून 2025 से शुरू हो सकती है।