कर्ज माफी पर नया ट्विस्ट: बच्चू कडू बोले- 'सरकारी नौकरी' और 'अमीर किसानों' को नहीं चाहिए लोन माफी
नागपुर: किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी की मांग को लेकर महाराष्ट्र में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच, आंदोलन का नेतृत्व कर रहे प्रहार संगठन के चीफ बच्चू कडू ने एक विवादास्पद प्रस्ताव देकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। कडू ने मांग की है कि जो किसान आर्थिक रूप से सक्षम हैं, सरकारी नौकरी या पेंशनर हैं, या जो सिर्फ निवेश/टैक्स बचाने के लिए खेती करते हैं, उन्हें कर्ज माफी का लाभ नहीं मिलना चाहिए। कडू की यह मांग इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि राज्य में विपक्षी पार्टियाँ सरकार से सभी किसानों के लिए पूर्ण कर्ज माफी (Complete Loan Waiver) की मांग कर रही हैं।
जरूरतमंद किसानों को तत्काल सहायता की मांग
नागपुर में चल रहे किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे बच्चू कडू ने एक मराठी न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा, "पैसे से काबिल किसान, सरकारी नौकरी वाले किसान या पेंशनर या व्यापारी, अमीर किसान जिन्होंने सिर्फ इन्वेस्टमेंट या टैक्स बचाने के लिए खेती की है, उन्हें लोन माफी का फायदा बिल्कुल नहीं मिलना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि 'डिजिटल इंडिया' पहल के कारण सरकार के लिए अब किसानों की वास्तविक वित्तीय स्थिति का पता लगाना आसान हो गया है। इसलिए, सरकार को जरूरतमंद किसानों को ढूंढकर उन्हें जल्द से जल्द लोन माफ़ी देनी चाहिए।
मुख्यमंत्री से आज शाम अहम मुलाकात
इस आंदोलन से राज्य की राजनीति गरमा गई है। बच्चू कडू के नेतृत्व में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल आज शाम मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करेगा। इस मीटिंग में निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
- संपूर्ण लोन माफ़ी का मुद्दा।
- पंजाब की तर्ज पर खेती के खरीद केंद्र स्थापित करना।
- फसलों पर 20 प्रतिशत बोनस और गारंटीड कीमत सुनिश्चित करना।
आंदोलन की एकता और अगली रणनीति
बच्चू कडू ने इस आंदोलन की सबसे बड़ी सफलता सभी किसान नेताओं का एक साथ आना बताया। उन्होंने कहा, "जब नेता एक साथ आते हैं तो किसानों को ताकत मिलती है, इसलिए किसान आत्महत्या के बारे में नहीं सोचते।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर आज की मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग में कोई संतोषजनक हल नहीं निकलता है, तो मुंबई से नागपुर लौटने के बाद आंदोलन की अगली दिशा तय की जाएगी।
मनोज जारंगे का समर्थन
बच्चू कडू ने इस अवसर पर मराठा आंदोलन के नेता मनोज जारंगे पाटिल को भी धन्यवाद दिया। जारंगे ने अपने किसानों के साथ आकर आंदोलन को समर्थन दिया। कडू ने कहा कि जारंगे मराठा या OBC नेता के तौर पर नहीं, बल्कि एक आम किसान के तौर पर आंदोलन देखने आए थे।
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