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नितिन गडकरी @68: आम कार्यकर्ता से देश के सबसे भरोसेमंद मंत्री बनने तक का सफर


नागपुर: आज केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपना 68वां जन्मदिन मना रहे हैं। गडकरी का जीवन सफर एक साधारण स्वयंसेवक से लेकर देश के सबसे सशक्त और लोकप्रिय केंद्रीय मंत्री तक का रहा है। उनका राजनीतिक, सामाजिक और विकासमूलक योगदान भारत की नवनिर्माण गाथा का महत्वपूर्ण अध्याय बन चुका है। उनके द्वारा बनाई जा रही सड़को की चर्चा न केवल देश बल्कि विदेशों तक में हो रही है। गडकरी वर्तमान भारत के वो नेता बन गए हैं, जिसकी तारीफ केवल सत्ता पक्ष नही बल्कि विपक्ष भी करता है।

प्रारंभिक जीवन: संघ की पाठशाला से नेतृत्व की ओर

नितिन जयराम गडकरी का जन्म 27 मई 1957 को महाराष्ट्र के नागपुर में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने बहुत कम उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़कर सामाजिक कार्यों में भाग लेना शुरू कर दिया। नागपुर विश्वविद्यालय से उन्होंने वाणिज्य में स्नातकोत्तर डिग्री, कानून की डिग्री और बिजनेस मैनेजमेंट में डिप्लोमा हासिल किया। उनकी संगठनात्मक क्षमताएं ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) के कार्यों में स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगी थीं।

राजनीति में शुरुआत: ज़मीन से जुड़ा नेतृत्व

गडकरी ने 1980 के दशक में भारतीय जनता पार्टी की युवा इकाई से राजनीति में प्रवेश किया। 1989 में वे पहली बार महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य बने। 1995 में जब महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा गठबंधन सत्ता में आया, तो उन्हें सार्वजनिक निर्माण मंत्री बनाया गया।

उन्होंने उस समय मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे का निर्माण कर देश को पहला छह-लेन वाला एक्सप्रेसवे दिया। साथ ही मुंबई में 50 से अधिक फ्लाईओवर बनवाकर वे "फ्लाईओवर मैन" के नाम से प्रसिद्ध हो गए।

राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश और भाजपा अध्यक्ष पद

2009 में पार्टी ने उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया। उस समय पार्टी लोकसभा में हार से उबरने की कोशिश कर रही थी, लेकिन गडकरी ने संगठनात्मक मजबूती और नए नेताओं को आगे लाकर भाजपा को एक नई दिशा दी। गडकरी के नेतृत्व में संगठन में कई बदलाव किए गए। जिसका परिणाम यह रहा कि, 2009 से 2014 के बीच हुए कई विधानसभा चुनावों में भाजपा को शानदार जीत मिली।

केंद्रीय मंत्री के रूप में प्रभावशाली कार्यकाल

2014 में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद उन्हें सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली। उनके नेतृत्व में भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास ने अभूतपूर्व गति पकड़ी। सड़क निर्माण की गति 12 किमी/दिन से बढ़कर 30 किमी/दिन हुई। राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 91,000 किमी से बढ़कर 1,46,000 किमी हुई।

भारतमाला और सागरमाला जैसी मेगापरियोजनाओं से परिवहन क्षेत्र में क्रांति आई

मोटर वाहन कानून में बदलाव कर सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई। उनकी छवि एक "परिणाम देने वाले मंत्री" की बनी, जिनकी कार्यशैली में पारदर्शिता, तेज निर्णय और तकनीक का सही उपयोग देखने को मिला।

नवाचार और पर्यावरण के क्षेत्र में योगदान

गडकरी ने ग्रीन हाइड्रोजन, जैव ईंधन और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। वे कहते हैं, “मैं चाहता हूं कि भारत आयात पर निर्भर देश नहीं, बल्कि ऊर्जा निर्यातक बने।” ब्राज़ील में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में उन्होंने भारत को "ग्रीन इनोवेशन का हब" बताया और विदेशी निवेशकों को आमंत्रित किया।

लोकसभा में मजबूत उपस्थिति

नितिन गडकरी 2014 में नागपुर लोकसभा सीट से चुनाव लडा। जहां उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता और कई बार के सांसद को दो लाख से ज्यादा वोटों से हराया। इसी के साथ गड़करी 2019 और 2024 में लगातार नागपुर से सांसद चुने गए। हर बार उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवारों को भारी अंतर से हराया। वे अपनी साफ-सुथरी छवि, विकास कार्यों और विनम्र व्यवहार के लिए सभी दलों में सम्मानित नेता माने जाते हैं।

निजी जीवन और आदर्श

गडकरी एक सादा जीवन जीने वाले नेता हैं। उनकी पत्नी कंचन गडकरी और तीन बच्चे भी सामाजिक कार्यों में रुचि रखते हैं। वे शुद्ध शाकाहारी हैं और स्वास्थ्य को लेकर जागरूक रहते हैं। गडकरी ने कई बार कहा है कि वे राजनीति को “सेवा” मानते हैं, “सत्ता” नहीं।

68 की उम्र में भी जोश और ऊर्जा का प्रतीक

नितिन गडकरी न केवल भाजपा बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा हैं। सादगी, कर्मठता और दूरदृष्टि का उनका अनूठा मेल उन्हें अलग बनाता है। उनका जीवन दिखाता है कि समर्पण और सोच से कोई भी साधारण कार्यकर्ता देश के निर्माण में असाधारण योगदान दे सकता है।