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अब सिर्फ 200 रूपये में होगी भूमि का सर्वेक्षण, राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने किया बड़ा ऐलान


नागपुर: राज्य सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि अब भूमि आवंटन की गणना मात्र 200 रुपए में की जाएगी। इस निर्णय से अब कृषि और भूमि भूखंडों की माप और आवंटन की लागत कम हो जाएगी।

केवल 200 एकड़ भूमि का विभाजन गिना जाएगा। महाराष्ट्र सरकार ने मतगणना शुल्क में भारी कटौती की है। राजस्व मंत्री ने संयुक्त परिवार की भूमि के पंजीकृत आवंटन पत्र एवं नक्शे 200 रुपये शुल्क देकर उपलब्ध कराने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इससे किसानों को बड़ी राहत मिली है।

बावनकुले ने कहा है कि इस निर्णय का उद्देश्य किसानों पर वित्तीय बोझ से बचना है। इससे पहले, शेयर गिनने का शुल्क लगभग 1,000 रुपये से 4,000 रुपये प्रति शेयर लिया जाता था। लेकिन इस लागत को बहुत कम कर दिया गया है। अब यह गणना मात्र 200 रुपये में हो जाएगी। इसलिए इस निर्णय से गरीब परिवारों के साथ-साथ किसानों को भी लाभ मिलेगा।

मतगणना प्रक्रिया पूरी होने के बाद आधिकारिक गणना रिपोर्ट जारी की जाती है। यह रिपोर्ट आपकी भूमि का वर्तमान मानचित्र और सीमाएं दिखाती है। यह रिपोर्ट भविष्य में खरीद-बिक्री के लेन-देन और अदालती मामलों के लिए महत्वपूर्ण है। आपकी भूमि की आधिकारिक रूप से माप हो जाने से उस भूमि पर आपके अधिकार स्पष्ट हो जाते हैं।

भूमि सर्वेक्षण के तीन प्रकार:

सरल गणना: एक साधारण भूमि की गणना करने में लगभग छह महीने लगते हैं। इसके लिए सरकार को एक हजार रुपए भूमि सर्वेक्षण शुल्क देना होगा।

तत्काल भूमि गणना: यह आपकी भूमि का तत्काल सर्वेक्षण करने के लिए तीन महीने की भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया है। इसके लिए भूमि मालिक या किसान को सरकार को दो हजार रुपए का गणना शुल्क देना होगा।

तत्काल गणना: इसमें भूमि की माप दो महीने की अवधि के भीतर की जाती है। इसके लिए गणना शुल्क तीन हजार रुपये है।