स्मार्ट सिटी अपना काम रखेगी जारी, केंद्र सरकार ने दिसंबर 2025 तक सभी काम पूरा करने का दिया निर्देश

नागपुर: देश के 100 शहरों में नागरिक सुविधाओं को मजबूत करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से निकले स्मार्ट सिटी की वित्तीय सीमाएं 31 मार्च 2025 के बाद भी चलती रहेंगी। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और 100 स्मार्ट शहरों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को जारी दिशा-निर्देशों में यह जानकारी दी है। इसके चलते नागपुर का स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट भी यथावत चलता रहेगा।
केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन (एससीएम) के तहत नागपुर में नागपुर स्मार्ट एंड सस्टेनेबल सिटी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएसएससीडीसीएल) नामक संस्था का गठन किया गया है। इस स्मार्ट सिटी मिशन की मियाद 31 मार्च 2025 को खत्म हो रही थी। लेकिन केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के नगरीय विकास विभागों के मुख्य सचिवों के साथ ही स्मार्ट शहरों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की बैठक की। इसमें स्पष्ट किया गया कि केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी मिशन को जारी रखने का निर्णय लिया है। यह बैठक केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री की अध्यक्षता में हुई।
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि स्मार्ट सिटी मिशन कार्यक्रम को जारी रखने की जरूरत है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत देशभर में 8000 से अधिक मल्टी-सेक्टोरल प्रोजेक्ट विकसित किए गए हैं। इन SPV ने शहरों की स्थानीय जरूरतों और आवश्यकताओं के अनुसार जटिल, मल्टी-सेक्टोरल और इनोवेटिव प्रोजेक्ट लागू किए हैं। SPV में काम करने वाले कर्मचारियों ने इन प्रोजेक्ट को लागू करने में बहुमूल्य अनुभव प्राप्त किया है। मिशन के लिए अब तक कुल 48,000 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं।
केंद्र सरकार ने मिशन के तहत शुरू की गई सभी परियोजनाओं को पूरा करने के साथ ही विकसित सभी परिसंपत्तियों का हस्तांतरण और संचालन एवं रखरखाव (ओएंडएम) सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत चल रही सभी परियोजनाओं को दिसंबर 2025 तक पूरा किया जाना है। पूरी हो चुकी परियोजनाओं को या तो संबंधित विभागों को हस्तांतरित किया जा सकता है या एसपीवी संबंधित विभागों से सेवा शुल्क लेकर ओएंडएम जारी रख सकता है।
केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि संबंधित राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय संचालन समिति (एचपीएससी) अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार संबंधित एसपीवी की भूमिका तय करे। ये एसपीवी भविष्य में शहरी प्रबंधन के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी सहायता, यूएलबी के लिए साइबर-स्वच्छता/सुरक्षा प्रदान करने जैसी भूमिका निभा सकते हैं।
इसके अलावा, ये एसपीवी विभिन्न योजनाओं के तहत परियोजना कार्यान्वयन सेवाओं में सहायता कर सकते हैं, बेहतर शहरी प्रबंधन के लिए अन्य राज्य विभागों को सलाहकार सहायता प्रदान कर सकते हैं और शहर स्तर पर साक्ष्य-आधारित योजना और निर्णय लेने के लिए अनुसंधान और मूल्यांकन सहायता प्रदान कर सकते हैं। ये एसपीवी शहर-स्तरीय निवेश और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए निवेश सुविधा सहायता के रूप में भी काम करेंगे। सरकार ने अपनी अधिसूचना में आईसीसीसी के उन्नयन की भी सिफारिश की है।

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