'कुछ लोग अर्बन नक्सल की भाषा बोलकर इंडिया स्टेट के खिलाफ लड़ाई की घोषणा करते हैं', बिना नाम लिए पीएम मोदी का राहुल पर हमला

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर जवाब दिया। अपने भाषण पर प्रधानमंत्री मोदी ने जहां एक तरफ अपनी सरकार के किये कामों को गिनाया, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष के किये वार पर चुन-चुन कर जवाब दिया। अपने भाषण के दौरान पीएम के निशाने पर कांग्रेस और राहुल गांधी निशाने पर रहे। प्रधानमंत्री ने संविधान से लेकर अर्बन नक्सल के मुद्दे पर बिना नाम लिए राहुल को जोरदार निशाना साधा। पीएम मोदी ने बिना नाम लिए कांग्रेस नेता के इंडिया स्टेट के खिलाफ लड़ाई की घोषणा वाले बयान की न केबल निंदा की, बल्कि यहाँ तक कह दिया की ये लोग अर्बन नक्सल की भाषा सरे आम बोलने लगे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजकल कुछ लोग खुलेआम अर्बन नक्सलियों की भाषा बोल रहे हैं...जो लोग इस भाषा को बोलते हैं, वे न तो संविधान को समझ सकते हैं और न ही राष्ट्र की एकता को समझ सकते हैं। 7 दशकों तक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखा गया। यह न केवल संविधान के साथ बल्कि इन क्षेत्रों के लोगों के साथ भी अन्याय था...हम संविधान की भावना के अनुसार जीते हैं और इसीलिए हम मजबूत फैसले भी लेते हैं। हमारा संविधान भेदभाव करने का अधिकार नहीं देता।"
जाती के मुद्दे पर पीएम ने राहुल को दिया करार जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "कुछ लोगों के लिए जाति के बारे में बात करना फैशन है। पिछले 30 वर्षों से OBC सांसद मांग कर रहे हैं कि OBC आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाए। आज जो लोग जातिवाद में लाभ देखते हैं, उन्होंने तब OBC समुदाय के बारे में नहीं सोचा। हमने OBC आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया। SC, ST और OBC को हर क्षेत्र में अधिक अवसर मिलें - हमने इस दिशा में बहुत मजबूती से काम किया है। मैं इस सदन के माध्यम से नागरिकों से एक महत्वपूर्ण प्रश्न रखता हूं - क्या कभी SC समुदाय के एक ही परिवार से एक साथ 3 सांसद हुए हैं? मैं यह भी पूछता हूं, मुझे बताएं कि क्या कभी ST समुदाय के एक ही परिवार से एक साथ 3 सांसद हुए हैं...उनकी कथनी और करनी में बहुत अंतर है।
महिला राष्ट्रपति को किया जारहा अपमानित
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के बयान को लेकर भी पीएम मोदी ने जोरदार हमला बोला। पीएम ने कहा, ''एक महिला राष्ट्रपति को अपमानित किया जा रहा है, मैं राजनीतिक हताशा को समझ सकता हूं. लेकिन क्या कारण है कि राष्ट्रपति का अपमान हो रहा है? क्या कारण है। आज भारत इस तरह की विकृत मानसिकता को छोड़कर आगे बढ़ रहा है'' और महिला नेतृत्व वाले विकास के मंत्र को आगे ले जाना, अगर आधी आबादी को पूरा अवसर मिले तो भारत दोगुनी गति से आगे बढ़ सकता है और कई वर्षों तक इस क्षेत्र में काम करने के बाद मेरा यह विश्वास और मजबूत हुआ है।"

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