18 साल बाद नागपुर जेल से छूटेगा अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली, सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

नागपुर: अंडरवर्ल्ड डॉन और शिवसेना नगरसेवक कमलाकर जामसांडेकर मर्डर केस में उम्रकैद की सजा काट रहे अरुण गवली को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट की जिसमें जस्टिस एम एम सुंद्रेश और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह की बेंच ने गवली की लंबित याचिका और उनकी उम्र 76 साल होने को ध्यान में रखते हुए जमानत मंजूर की। गवली पिछले 18 सालों से नागपुर सेंट्रल जेल में कारावास काट रहे हैं। इस फैसले के बाद गवली अब अस्थायी रूप से जेल से रिहा हो सकते हैं, मामले की अंतिम सुनवाई फरवरी 2026 को होगी।
ज्ञात हो कि, अंडरवर्ड डॉन से नेता बने अरुण गवली को 2006 में शिवसेना पार्षद कमलाकर जामसांडेकर की हत्या मामले में गिरफ्तार किया। अगस्त 2012 में मुंबई की सेशन कोर्ट ने गवली को इस हत्या के मामले में जीवनपर्यंत कारावास और 17 लाख रुपये का जुर्माना सुनाया। इसके बाद गवली ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की, लेकिन 9 दिसंबर 2019 को हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा। लंबे समय तक जेल में रहने और उम्र बढ़ने के कारण गवली ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की।
आज गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एम एम सुंद्रेश और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह बेंच ने उनकी लंबित याचिका और उम्र 76 साल होने को ध्यान में रखते हुए उन्हें जमानत दी। अदालत ने कहा कि, "गवली पिछले 18 सालों से नागपुर सेंट्रल जेल में सजा काट रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत ट्रायल कोर्ट द्वारा तय शर्तों के अधीन दी और मामले की अंतिम सुनवाई फरवरी 2026 को होगी।
आज गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एम एम सुंद्रेश और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह बेंच ने उनकी लंबित याचिका और उम्र 76 साल होने को ध्यान में रखते हुए उन्हें जमानत दी। अदालत ने कहा कि, "गवली पिछले 18 सालों से नागपुर सेंट्रल जेल में सजा काट रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत ट्रायल कोर्ट द्वारा तय शर्तों के अधीन दी और मामले की अंतिम सुनवाई फरवरी 2026 को होगी।

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