अमित और आदित्य आखिर बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल क्यों पढ़े?, फडणवीस का राज और उद्धव से पूछा सवाल

मुंबई: राज्य में कक्षा 1 से तीसरी भाषा के रूप में हिंदी पढ़ाने को लेकर चल रहा विवाद अभी थमा नहीं है। इसमें 5 जुलाई को उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की ओर से विजय रैली का आयोजन किया गया है। इस पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष की आलोचना की है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे गुट के नेता आदित्य ठाकरे और मनसे नेता अमित ठाकरे के बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल का जिक्र किया।
क्या आपको अपने बच्चों को बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल में पढ़ाना चाहिए और भारतीय भाषाओं का विरोध करना चाहिए? ऐसे शब्दों में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे पर कटाक्ष किया है। ठाकरे बंधुओं ने भारतीय भाषा हिंदी का विरोध किया है। हालांकि फडणवीस ने कहा है कि अंग्रेजी को छोड़ दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा है कि राज्य सरकार किसी के दबाव में नहीं झुकेगी।
कक्षा 1 से आगे हिंदी पढ़ाने के जीआर को अब राज्य सरकार ने वापस ले लिया है इसलिए अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस रैली पर कड़ा हमला बोला है। क्या उन्हें अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ाना चाहिए और दूसरों के बच्चों के लिए भारतीय भाषा का विरोध भी करना चाहिए? देवेंद्र फडणवीस ने यह कहकर ठाकरे बंधुओं की अच्छी खबर ली है।
सरकार किसी के दबाव में नहीं झुकेगी
हिंदी को अनिवार्य करने के फैसले को वापस लेने के बाद विपक्ष ने महागठबंधन सरकार के लिए दुविधा पैदा करने की कोशिश की है। लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ कर दिया है कि उनकी सरकार किसी के दबाव में नहीं झुकेगी। सरकार ने हिंदी के मुद्दे पर एक समिति बनाई है। यह समिति अब सही फैसला लेगी। सरकार किसी पार्टी के हितों को नहीं देखेगी, वह सिर्फ महाराष्ट्र के छात्रों के हितों को देखेगी। उन्होंने कहा कि हम किसी के दबाव में नहीं झुकेंगे। उन्होंने इस दौरान ठाकरे बंधुओं पर भी निशाना साधा और कहा कि अगर ठाकरे भाई क्रिकेट खेलने और तैराकी करने के लिए साथ आते हैं तो हमें कोई दिक्कत नहीं है।
ठाकरे के डिप्टी ने लिखा कि हिंदी अनिवार्य
फडणवीस ने कहा, क्या मैंने दो भाइयों के साथ न आने के लिए जीआर बनाया है? मैंने ऐसा कोई जीआर नहीं बनाया है। उद्धव ठाकरे के कार्यकाल में जो रिपोर्ट आई थी, उसमें उनके दाहिने हाथ माने जाने वाले उपनेता ने लिखा था कि कक्षा 1 से 12 तक हिंदी को अनिवार्य किया जाना चाहिए। उद्धव ठाकरे ने कैबिनेट की बैठक में इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। उसके बाद उन्होंने हमेशा की तरह हंगामा किया। उसके बाद भी हमने बिना किसी अहंकार के इस संबंध में निर्णय लिया है। मैं एक बार फिर कहता हूं। हमने निर्णय लिया है, अब एक समिति बनाई गई है। यह समिति अब तय करेगी कि क्या सही है। हम किसी पार्टी के हितों को नहीं देखेंगे। हम महाराष्ट्र के छात्रों को देखेंगे। महाराष्ट्र सरकार छात्रों के हितों में निर्णय लेगी। हम किसी के दबाव में नहीं झुकेंगे।

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