logo_banner
Breaking
  • ⁕ 2 दिसंबर को होगी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए वोटिंग, 3 दिसंबर को मतगणना, राज्य चुनाव आयोग ने की घोषणा ⁕
  • ⁕ गरीब बिजली उपभोक्ताओं को 25 साल तक मिलेगी मुफ्त बिजली, राज्य सरकार की स्मार्ट योजना के लिए महावितरण की पहल ⁕
  • ⁕ उद्धव ठाकरे और चंद्रशेखर बावनकुले में जुबानी जंग; भाजपा नेता का सवाल, कहा - ठाकरे को सिर्फ हिंदू ही क्यों नजर आते हैं दोहरे मतदाता ⁕
  • ⁕ ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 1 करोड़ 8 लाख की ठगी, साइबर पुलिस थाने में मामला दर्ज ⁕
  • ⁕ Amravati: दरियापुर-मुर्तिजापुर मार्ग पर भीषण दुर्घटना, तेज गति से आ रही कार की टक्कर में दो लोगों की मौके पर ही मौत ⁕
  • ⁕ Kamptee: रनाला के शहीद नगर में दो माह के भीतर एक ही घर में दूसरी चोरी, चोर नकदी व चांदी के जेवरात लेकर फरार ⁕
  • ⁕ Yavatmal: भाई ने की शराबी भाई की हत्या, भतीजा भी हुआ गिरफ्तार, पैनगंगा नदी के किनारे मिला था शव ⁕
  • ⁕ जिला कलेक्टरों को जिला व्यापार में सुधार के लिए दिए जाएंगे अतिरिक्त अधिकार ⁕
  • ⁕ Amravati: अमरावती जिले में नौ महीनों में 60 नाबालिग कुंवारी माताओं की डिलीवरी ⁕
  • ⁕ विश्व विजेता बनी भारतीय महिला क्रिकेट टीम, वर्ल्ड कप फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराया ⁕
Nagpur

एशियन पैरा-आर्मरेसलिंग चैम्पियनशिप 2025 में अमोल डी वालके का प्रेरणादायक प्रदर्शन


नई दिल्ली: नई दिल्ली में आयोजित 22वीं एशियन पैरा-आर्मरेसलिंग चैम्पियनशिप 2025 में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 176 पदक अर्जित किए, जिसमें 24 स्वर्ण, 56 रजत और 96 कांस्य पदक शामिल हैं। इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में 14 देशों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, और भारत ने कुल अंकों में दूसरा स्थान प्राप्त किया। इस प्रतियोगिता में भारतीय पैरा-आर्मरेसलर अमोल डी. वालके ने चौथा स्थान प्राप्त कर देश का नाम रोशन किया। उनकी यह उपलब्धि न केवल व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि यह सभी दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।

प्रतियोगिता के समापन समारोह में कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिसमें पूर्व राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र, पीपल्स आर्म रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की अध्यक्ष प्रीति झंगियानी, और प्रो पंजा लीग के सह-संस्थापक परवीन डबास शामिल थे। इन सभी ने भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन की सराहना की और भविष्य में इस खेल के विकास के लिए प्रतिबद्धता जताई।

अमोल डी वालके की यह उपलब्धि न केवल खेल के क्षेत्र में भारत की ताकत को दर्शाती है, बल्कि यह भी सिद्ध करती है कि समर्पण और मेहनत से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। आने वाले वर्षों में, अमोल जैसे खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंच पर और भी ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार हैं।