किसान की धावक बेटी को मिली सराहना, पुणे में दिया जाएगा प्रशिक्षण, मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने ली जिम्मेदारी

भंडारा: मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को उनकी मां के दुखद निधन पर सांत्वना देने भंडारा जिले के सुकली गांव गये थे। हालांकि, मुख्यमंत्री का यह दौरा एक परिवार के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ है। भंडारा जिले के सुकली गांव के बगल में सेंदुरवाफा नामक एक छोटे गांव की 19 वर्षीय धावक पल्लवी सेवकराम डोंगरवार ने झारखंड के रांची में आयोजित 68वीं नेशनल स्कूल फील्ड स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में बाजी मार कर, रिले दौड़ में महाराष्ट्र को कांस्य पदक दिलाया है। नाना पटोले ने खुद इस बात की जानकारी फड़णवीस को दी और वहां से मुख्यमंत्री सीधे इस गांव में पहुंचे और पल्लवी से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने पल्लवी से बातचीत सवाल करते हुए उसकी पीठ थपथपाई। महाराष्ट्र के लिए पदक जीतने के बाद, देवेंद्र फडणवीस को एहसास हुआ कि अगर बेहतर प्रशिक्षण दिया जाए, तो पल्लवी महाराष्ट्र के लिए अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। उन्होंने तुरंत पल्लवी देख-रेख का जिम्मा उठाने की घोषणा कर दी। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने आश्वासन दिया है कि महाराष्ट्र सरकार पल्लवी को पुणे के बालेवाड़ी स्थित प्रशिक्षण संस्थान में भेजेगी और पूरी ट्रेनिंग कराने की जिम्मेदारी लेगी ताकि पल्लवी को अच्छी ट्रेनिंग मिल सके। फड़णवीस के आश्वासन के बाद पल्लवी और उनका परिवार बहुत खुश हुआ।
कई खिलाड़ी ग्रामीण इलाकों से आते हैं। लेकिन कई बार आर्थिक सहयोग न मिलने के कारण वे आगे नहीं आ पाते। अगर इन्हें उचित प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता मिले तो ये बच्चे न केवल देश में बल्कि दुनिया में भी महाराष्ट्र का नाम रोशन करेंगे। अक्सर वित्तीय सहायता के साथ-साथ उचित प्रशिक्षण की कमी के कारण, ग्रामीण बच्चे थक जाते हैं, उन्हें प्रशिक्षण और प्रतिस्पर्धी तैयारी की आवश्यकता होती है। फड़णवीस द्वारा पल्लवी के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी स्वीकारने से पूरा देश देखेगा कि ग्रामीण भाग से आए बच्चे कैसे होते हैं।

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