Washim: बाजार में नहीं चल रहे 10 के सिक्के, अफवाहों के कारण दूकान दारों ने स्वीकारना किया बंद
- अफवाहों की भेंट चढ़े दस के सिक्के
- खुले बाजार में हुए चलन से बाहर
- पेट्रोल पंप व बैंकों में स्वीकार किए जा रहे सिक्के
आसेगांव. दो वर्ष पूर्व में अफवाहों की भेंट चढ़े दस के सिक्के अभी तक खुले बाजारों में चलन से बाहर रहने का मामला सामने आया है़ जबकि इन सिक्कों को शासन द्वारा किसी तरह से प्रतिबंधित नहीं किया गया है. लेकिन सब्से बड़ी बात तो यह सामने आने लगी है कि इन सिक्कों को खुले बाजारों में अफवाहों ने ही प्रतिबंधित करने का काम किया है. वर्तमान में किसी भी सामग्री को खरीदने के लिए बाजार में जाकर यदि सिक्के दिए जाएं तो तुरंत सामने से आवाज आती है कि भाई यह सिक्के बंद है़ हम इसे नहीं ले सकते.
सिक्कों के बंद होने की अफवाह बीते दो वर्ष पूर्व में फैली थी. तब से लेकर अब तक इन सिक्कों को स्वीकार करने से सामान्य नागरिक भी कतराने लगे है. जबकि शासन का ऐसा कोई फैसला सिक्कों को बंद करने को लेकर नहीं आया. खुले बाजार, बैंकों में तक के इन सिक्कों को लेनदेन करने में हर कोई हिचकिचाता हुआ नजर आता है. सिक्कों के चलन से बाहर रहने की अफवाह पर किसी ने एक्शन लेकर संबंधित प्रशासन के अधिकारियों से यदि शिकायत की तो अस्वीकार करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
वैसे तो अफवाहों के कारण सिक्के शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक आंखों से ओझल होने का नजारा दिखाइ दे रहा है. किंतु अनेको गरीब अथवा मानधन प्राप्ति वालों के पास सैंकड़ों की तादाद में सिक्के है. लेकिन खुले बाजारों में इन सिक्कों के चलन से बाहर होने की बात सुनकर अधिकतर लोग सिक्कों को लेनदेन के लिए उपयोग में लाने से हिचकिचाता है. जबकि इन सिक्कों को बैंक शाखाओं में लेनदेन करने के आदेश प्राप्त है.
गांव इलाकों में भी सिक्कों को चलन से बाहर रखने का कार्य अफवाहों के बाजार ने किया है़ शहर में तो कोई दूकानदार इन सिक्कों को स्वीकार कर लेंगा किंतु गांव परिसर में तो इन्हें देखकर ही कोई भी सामग्री तक नहीं दे पायेंगा, जबकि यह सिक्के पूरी तरह से चलन में रहने की बाते सभी शासकीय अधिकारियों द्वारा कही जा रहीं है.
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