Washim: राजकीय सम्मान के साथ हुआ शहीद अमोल गोरे का अंतिम संस्कार, दो वर्षीय बेटे ने दी मुखाग्नि

वाशिम: वाशिम जिले के सोनखास के पैरा कमांडर अमोल गोरे कल भारत-चीन सीमा पर देश की सेवा करते हुए शहीद हो गये। इसके बाद आज उनका पार्थिव शरीर उनके गांव पहुँचा। जहां राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के दो वर्षीय बेटे ने पिता को मुखाग्नि दी। वहीं इस समय पुरे गांव में गम का माहौल था।
मंगलवार को भारत-चीन सीमा पर रेस्क्यू सर्विस करते हुए वह बर्फ के नीचे दब गए थे, जिसके बाद तत्काल बचाव अभियान चलाकर उन्हें बचा लिया गया। लेकिन अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। शहीद होने के बाद उनका पार्थिव शरीर आज शहर पहुंचा। गांव में अमोल गोरे का शव आने के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया। जैसे ही अमोर गोरे का शव देखा गया, परिवार द्वारा टूटे बाजूबंद से उपस्थित लोगों की आंखों में आंसू आ गए। शहीद के पार्थिव शरीर को देखने के लिए शहर में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
शहीद अमोल गोर सोनखा का भारतीय सेना की एक यूनिट से 7 राउंड फायरिंग कर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर अमोल गोरे के 2 साल के बेटे मयूर गोरे ने मास्क भेंट किया। इस दौरान लोगों ने अमोल गोरे अमर रहे के नारे भी लगाए। शहीद अमोल गोरे को श्रद्धांजलि के रूप में शहर के व्यवसायियों ने अनायास ही अपने प्रतिष्ठान बंद कर शव यात्रा पर पुष्प वर्षा की।

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