Yavatmal: अस्पताल में भर्ती गर्भवती को गाली देकर किया बाहर, खुले में दिया बच्चे को जन्म

यवतमाल: जिले से एक बेहद हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां अस्पताल में भर्ती एक गर्भवती महिला को वार्ड से बाहर कर दिया। इस दौरान उसका किसी ने ध्यान नहीं दिया। रात भर बाहर रहने के बाद सुबह महिला ने अस्पताल के बाहर बच्चे को जन्म दिया। यही नहीं महिला ने अपने हाथ से अपनी गर्भनाल भी काटी। यह धक्का दायक घटना जिले के सरकारी वसंतराव नाईक अस्पताल में हुई। पीड़ित महिला का नाम प्रतीक्षा सचिन पवार, बालेगांव, नेर निवासी है। इस घटना के सामने आने के बाद जिले में हड़कंप मच गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, पीड़िता अपने पति के साथ 108 एम्बुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंची थी। उसे वार्ड नंबर तीन में भर्ती कराया गया था। वहां के डॉक्टर ने प्रतीक्षा को बताया कि उसे खून देने की जरूरत है और अपने पति से एक निजी ब्लड बैंक से खून की थैली लाने को कहा। सुबह साढ़े चार बजे खून का थैला लेकर स्त्री रोग विभाग पहुंचे। हालांकि, तब तक वहां के डॉक्टरों और नर्सों ने वेटिंग रूम की तरफ देखा तक नहीं।
अस्पताल कर्मियों ने की बदसलूकी
ब्लड बैग देने के बाद भी खून नहीं चढ़ाया गया। इस बारे में पूछने पर महिला और उसके पति को गाली देकर वार्ड से बाहर कर दिया गया। सचिन अपनी पत्नी को लेकर सरकारी अस्पताल के मैदान में रुक गए। प्रतीक्षा ने चाय-पानी पीते हुए सुबह साढ़े आठ बजे खुले में बच्चे को जन्म दिया। जैसे ही महिला ने खुले में बच्चे को जन्म दिया परिसर में मौजूद लोग मदद के लिए दौड़ पड़े।
मामले की होगी जांच
वहीं जब इसको लेकर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेंद्र भुयार से संपर्क किया गया तो उन्होंने खुले में बच्चे को जन्म देने वाली बात को सहित बताया। उन्होंने कहा कि, "अस्पताल परिसर में ही बच्चे को जन्म दिया और ये सच है। हालांकि, किसी ने उसे भगाया नहीं, बल्कि वह खुद अपने पति के साथ चली गई। प्रसव के बाद, उसे वापस अस्पताल लाया गया लेकिन उसने कहा कि वह रुकने के लिए तैयार नहीं है। भुयार ने आगे कहा, संबंधित महिला का पति निजी ब्लड बैंक से खून क्यों और कैसे लाए? इस पूरे मामले में यह महिला वार्ड से नीचे क्यों आई? कैसे क्या कर्मचारी उस स्थान पर मौजूद नहीं थे? इन सभी की जांच कराई जाएगी।

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