यवतमाल में नहीं रुक रही किसान आत्महत्या, फिर दो भूमिपुत्रो ने मौत को लगाया गले

यवतमाल: किसान आत्महत्या के लिए बदनाम मारेगांव तहसील में भूमिपुत्रो का मौत को गले लगाने का सिलसिला जारी है। लगातार बारिश से फसल को हुए नुकसान और सहायता नहीं मिलने के कारण मंगलवार को दो और किसानों ने आत्महत्या कर ली है। पिछले तीन दिनों में तहसील के पांच किसानों ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है।
पहली घटना तहसील के शिवनी (धोबी) यहां हुई। जहां हरिदास सुर्यभान टोनपे (४७) किसान ने घर में रखे फिनाइल पीकर आत्महत्या कर ली। पिछले दिनों जिले में हुई लगातार बारिश से खेतों में पानी भर गया और खड़ी फसल पानी में बह गई। फसल के नुकसान के कारण उसमे लगाया खर्च भी निकला मुश्किल हो गया था। फसल पानी में बहने के कारण हरिदास सूर्यभान टोनपे पिछले कई दिनों से परेशान थे। मंगलवार को सुबह करीब ग्यारह बजे उनकी पत्नी खेत पर गई थी और उनके बच्चे स्कूल गए थे। इस दौरान हरिदास ने घर में रखे मोनोसील पीकर आत्महत्या कर की। पत्नी के लौटने पर घटना की जानकारी मिली। हरिदास के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है।
दूसरी घटना भी मारेगांव तहसील के रामेश्वर की है। जहां फसल बर्बाद होने के कारण 26 वर्षीय किसान पुत्र ने जहर पीकर आत्महत्या कर ली। मृतक युवक का नाम सचिन सुभाष बोडेकर है। मृतक के पिता के पास दो एकड़ जमीन थी। उसी में खेती कर सभी अपना जीवन यापन करते थे। इस बार हुई भारी बारिश के कारण खड़ी फसल पानी में बह गई। एक महीना होने के बावजूद सरकार की तरफ से कोई सहायता नहीं मिलने के कारण चिंतित युवा ने घर में ही जहर पीकर आत्महत्या कर की। युवक अपने पीछे माता-पिता और बहन को छोड़ गया।

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