Akola: जिला परिषद की बैठक में गूंजा जल कर का मुद्दा, सदस्यों ने अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप

अकोला: जिला परिषद समिति की बैठक में क्षेत्रीय जलापूर्ति योजनाओं के कम जल कर संग्रहण का मामला सर्वविदित था। परिषद के सदस्यों ने बैठक में आरोप लगाया कि अधिकारी व कर्मचारी पानी कर जमा करने में ढिलाई बरत रहे हैं. पानी की लाइन कम होने के कारण जिला परिषद की अधिकांश राशि पानी की लाइनों पर खर्च की जा रही है। इससे सदस्यों ने बताया कि अन्य योजनाओं को कम राशि मिल रही है।
जिले में 84 और 64 खेड़ी क्षेत्रीय जलापूर्ति जैसी योजनाओं के माध्यम से ग्रामीणों को पानी की आपूर्ति की जाती है। लेकिन एक्वाडक्ट काफी हद तक समाप्त हो गया है। पानी नहीं पहुंचने, रख-रखाव के अभाव, वसूली के लिए जनशक्ति की कमी आदि के कारण पानी का बिल वसूल नहीं हो पाता है। इस वजह से कई बार पानी की आपूर्ति बाधित हो जाती है। परिणामस्वरूप जिला परिषद को अपनी आय से रखरखाव और मरम्मत के लिए खर्च करना पड़ता है।
इस बीच 64 गांवों खंबोरा क्षेत्रीय ग्रामीण जलापूर्ति योजना और 84 गांव जलापूर्ति योजना का भुगतान ग्रामीणों के पास लंबित है इसलिए 23 सितंबर को जल प्रबंधन समिति की बैठक में सदस्यों ने घटती जलापूर्ति पर अधिकारियों से सवाल किया। बैठक की अध्यक्षता अध्यक्ष प्रतिभा भोजाने, उपाध्यक्ष सावित्री राठौड़, महिला एवं बाल कल्याण अध्यक्ष स्पोति गावंडे, पंजाबराव वडाल, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सुभाष पवार सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख मौजूद रहे।

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