अमरावती जिले में जनवरी से अप्रैल तक 118 किसानों ने की आत्महत्या

अमरावती: जिले में किसान आत्महत्या का सिलसिला लगातार जारी है। अमरावती जिले में पिछले चार महीने में 118 किसानों ने आत्महत्या की, जबकि पिछले दो महीनों में 66 किसानों ने मौत को गले लगाया। इनमें अधिकांश किसानों ने आर्थिक तंगी से परेशान होकर आत्महत्या का कदम उठाया।
अन्नदाता कहे जाने किसान आज भी आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। सरकार भले ही उनके विकास और कृषि के लिए विविध योजनाओं को क्रियान्वित की है, लेकिन वास्तविकता ये है कि आज भी असंख्य किसान इन योजनाओं का पूरा लाभ लेने से वंचित रह जा रहे। कभी मौसम की मार तो कभी फसल पर कीड़ों - बिमारियों के प्रकोप से उनकी मेहनत पर पानी फिर जा रहा है। बड़ी उम्मीद के साथ खेतों में बीज बोन वाले किसानों को जब निराशा हाथ लगती है तो वो कई बार जिंदगी से हार जाते हैं।
इस साल 40 ने दी जान
अमरावती जिले में इस साल भी किसानों की आत्महत्या का सिलसिला लगातार जारी है। मार्च महीने से अमरावती जिले में लोकसभा चुनाव की तैयारी और उम्मीदवार जहाँ प्रचार में व्यस्त थे, वहीं 40 से अधिक किसानों ने अपनी मजबूरियों के आगे हार कर मौत को गले लगा लिया।
इस साल जनवरी से अप्रैल तक मात्र चार महीनों में 118 किसानों ने आत्महत्या की, केवल मार्च और अप्रैल के महीने में ही 66 किसानों ने मौत को गले लगाया है। प्राकृतिक आपदाओं, सूखा, बंजरता, साहूकारों के कर्ज, बैंक कर्ज की समस्याओं के कारण किसान आत्महत्या कर रहे हैं, जबकि अनेक वादे करने वाले नेता ही इन किसानों की समस्या की अनदेखी करते हैं।
अमरावती में सर्वाधिक आत्महत्याएं
राज्य में सबसे ज्यादा किसान आत्महत्याएं अमरावती विभाग में हुई हैं उनमे भी अमरावती जिले में सबसे ज्यादा किसान खुदखुशी हुई है। अमरावती जिले में 2001 से 2024 तक 5,294 किसानों ने आत्महत्या की है। ये आंकड़ा बता रहा है कि किसान किस तरह से अपनी मुश्किलों के आगे हार रहा है।

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