Amravati: जनवरी से अगस्त तक आठ महीनों में 180 किसानों ने की आत्महत्या
अमरावती: लगातार प्राकृतिक आपदाएँ, कृषि उत्पादन में गिरावट, उपज की कम कीमत, बारिश, ऋण जैसी समस्याओं के चलते, खरीफ सीजन के साढ़े तीन माह के दौरान जिले में 55 किसानों ने आत्महत्या कर ली। इनमें जून में 18, जुलाई में 19, अगस्त में 18 आत्महत्याएं हुईं।
साल 2024 का ख़रीफ़ सीज़न आधा ख़त्म हो चुका है। इसमें मूंग, उड़द, सोयाबीन आदि फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। अब केवल कपास और अरहर की फसलें बची हैं। ये दोनों फसलें आज 60 प्रतिशत बर्बादी हो गई हैं। संतरा किसानों की स्थिति भी कुछ अलग नहीं है।
तहसील में जनवरी से अगस्त तक आठ महीनों में 180 किसानों ने आत्महत्या कर ली। इसमें सितंबर में हुई किसानों की आत्महत्याएं शामिल नहीं हैं। इनमें से केवल 65 आत्महत्याएँ सरकारी सहायता के लिए पात्र थीं। पात्र में से 49 आत्महत्या करने वाले किसान परिवारों को सहायता दी जा चुकी है। आत्महत्या के 82 मामले लंबित हैं, जबकि 33 मामले अपात्र घोषित किये गये हैं।
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