मौसम की बेरुखी से संकट में 1990 गांव, जिलाधिकारी ने नुकसान का किया एलान, प्रभावित किसानों को मिलेगा मुआवजा

अमरावती: औसत से 31 प्रतिशत कम वर्षा के बाद खरीफ के समय अगस्त में लंबे समय तक बारिश हुई। औसत से कम बारिश के कारण अरहर, कपास और सोयाबीन को व्यापक नुकसान हुआ। इस पृष्ठभूमि में, जिला कलेक्टर सौरभ कटियार ने शुक्रवार को सभी 14 तहसीलों यानी 1990 गांवों में खरीफ की अंतिम 47 प्रतिशत नुकसान की घोषणा की, जिससे खरीफ सीजन में के सूखे पर मुहर लग गई है।
इससे प्रभावित गांवों को आठ तरह की रियायतें मिलने का रास्ता साफ हो गया है। जिले में सूखे जैसी स्थिति होने से किसानों ने 'एनडीआरएफ' की सरकारी सहायता के साथ-साथ फसल बीमा का लाभ भी दिए जाने की मांग की है।
इस साल ख़रीफ़ मानसून में तीन सप्ताह की देरी हुई, इसलिए बुआई में एक महीने की देरी हुई। फिर जुलाई में 24 मंडलों में भारी बारिश हुई. किसान इससे उबर नहीं पा रहे हैं, अगस्त माह में 21 से 25 दिन बारिश होने से फसलों की बढ़वार रुक गयी और कीट व बीमारियों का प्रकोप हो गया. इससे औसत उत्पादन घटेगा, इसलिए कलेक्टर कटियार ने 41 राजस्व मंडलों में फसल बीमा की अधिसूचना जारी कर दी है.

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