दो विस्फोट की घटना होने के बाद जेल की दीवारों के लिए 10 करोड़ रुपये मंजूर, हाईवे पर बने पुल पर होगा पुलिस का ‘फिक्सपॉइंट’

अमरावती: जिला मध्यमवर्ती कारागृह के पीछे हाईवे पर पुल बनने के बाद से जेल में गुटखा, गांजा, सिगरेट फेंकने की घटनाएं बढ़ गई थीं। तभी से जेल प्रशासन ने जेल की पिछली दीवार की ऊंचाई बढ़ाने की मांग की थी। दीवार के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। लेकिन, फंड न मिलने के कारण प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब जेल में किसी कैदी का जन्मदिन मनाने के लिए सीधे बैरक के पास दो विस्फोटक फेंके जाने से जिला योजना विभाग ने जेल की दीवार बढ़ाने के लिए 10 करोड़ का फंड मंजूर किया है।
अमरावती सेंट्रल जेल के पीछे सुपर एक्सप्रेस हाईवे पर पास एक बड़ा पुल बनाया गया था, पुल की ऊंचाई जेल की दीवारों से काफी ऊंची थी। अगर आप पुल पर खड़े होते तो जेल का पूरा अंदरूनी हिस्सा ऊपर से देख सकते थे। तत्कालीन जेल अधीक्षक जाधव ने पिछली दीवार की ऊंचाई बढ़ाने का प्रस्ताव तत्कालीन जेएलडीजी मीरा बोरवंकर को भेजा और बोरवंकर ने इसे गृह मंत्रालय को भेज दिया।
जेल की पिछली दीवार की ऊंचाई बढ़ाने के प्रस्ताव पर गृह मंत्रालय ने धनराशि भी मंजूर कर दी। लेकिन, किसी न किसी कारण से जिला योजना विभाग तक राशि नहीं पहुंची, इसलिए दीवार का काम शुरू नहीं हो सका। बीच में एक-दो बार यह मामला गृह मंत्रालय में उठा और जब पुन: आकलन कर राशि स्वीकृत की गयी, तो फिर वही स्थिति हो गयी।
एक तरफ सरकारी प्रशासन का फंड सर्कस चल रहा था, वहीं दूसरी तरफ हाइवे पुल से गुटखा, गांजा, सिगरेट, बीड़ी को कपड़े में बांधकर जेलों में साथी कैदियों को फेंकने की घटनाएं बढ़ रही थीं।
फिर 6 जुलाई की रात को जेल में हत्या के आरोप में सजा काट रहे कैदी प्रवीण उर्फ पिंट्या बंसोड़ का जन्मदिन जेल के समीप ब्रिज पर आतिशबाजी करके मनाया गया और एक गोले में दो सुतली बम जलाकर जेल में फेंके गये।
इस धमाके से पुलिस बल में हड़कंप मच गया। इसके बाद जिला योजना विभाग ने जेल की दीवार की ऊंचाई बढ़ाने के लिए 10 जुलाई को 10 करोड़ का फंड स्वीकृत किया है। डीपीडीसी की इस घोषणा के बाद अब निर्माण विभाग के वरीय अभियंता जेल के पीछे के क्षेत्र का निरीक्षण कर टेंडर के लिए निर्माण का ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे।

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