logo_banner
Breaking
  • ⁕ नागपुर शहर में सुबह से हो रही जोरदार बारिश, जमकर गरज रहे बादल, छाए घनघोर काले बादल ⁕
  • ⁕ मानसून के दौरान चिखलदरा में टूटा पर्यटकों का रिकॉर्ड, चार महीने में पहुंचे ढाई लाख पर्यटक, नगर परिषद को हुई 56 लाख की आया ⁕
  • ⁕ मनकापुर फ्लाईओवर पर बड़ा हादसा, स्कुल वैन और बस में आमने-सामने जोरदार टक्कर; हादसे में आठ बच्चे घायल, एक की हालत गभीर ⁕
  • ⁕ Akola: चलती कार में लगी आग, कोई हताहत नहीं ⁕
  • ⁕ Akola: पातुर से अगिखेड़ खानापुर मार्ग की हालत ख़राब, नागरिकों ने किया रास्ता रोको आंदोलन ⁕
  • ⁕ एक हफ्ते बाद नागपुर में बरसे बादल, नागरिकों को मिली उमस से राहत ⁕
  • ⁕ Amravati: गणेशोत्सव मंडलों के बीच विवाद में चाकूबाजी; एक घायल, आरोपी फरार ⁕
  • ⁕ मेलघाट में बारू बांध टूटा; सड़क पर पानी बहने से यातायात बाधित ⁕
  • ⁕ अकोला में चोर ने निर्गुण नदी के पुल से चुराए लिए 105 फाटक, आरोपी की हो रही तलाश ⁕
  • ⁕ पूर्व विदर्भ में अगले 24 घंटे में होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट; प्रशासन ने की नागरिकों से सतर्क रहने की अपील ⁕
Amravati

अमरावती कांग्रेस में सब ठीक नहीं! पोस्टरों-बैनरों से गायब हुई विधायक सुलभा खोडके 


अमरावती: अमरावती कांग्रेस में सब सही नहीं चल रहा है। पार्टी में गुटबाजी चरम पर आती दिख रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले अमरावती दौरे पर हैं। इस दौरे के दौरान वलगांव पैलेस में मार्ग पर रॉयल कांग्रेस की ओर से अल्पसंख्यक बैठक का आयोजन किया गया है। इस शहर में कांग्रेस जन प्रतिनिधि के सभी पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि, शहर की विधायक सुलभा खोडके को इस आयोजन से पूरी तरह बाहर रखा गया है. इतना ही नहीं, निमंत्रण पत्र में सुलभा खोड़के के नाम को भी नजरअंदाज किया गया है। 

उल्लेखनीय है कि, सुलभा खोडके ने पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में काम किया था, एक बार रांका की टिकट पर बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीता था। वह पिछले 10 साल से कांग्रेस में सक्रिय हैं। वर्ष 2014 में, उन्होंने बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्हें वर्ष 2019 में अमरावती विधनसभा सीट से चुनाव लड़ा और विधायक बनकर विधानसभा पहुंची। 

सुनील देशमुख की वापसी के बाद बढ़ी उपेक्षा 

सुलभा खोडके ने देवेंद्र फडणवीस सरकार में राज्य मंत्री रहे सुनील देशमुख को हराया था। ज्ञात हो कि, सुनील 2014 के पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, 2020 में वह दोबारा कांग्रेस में शामिल हुए। देशमुख के वापसी के बाद खोडके को पार्टी में साइडलाइन किया जाने लगा है। वहीं पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर और खोडके के बीच सब सही नहीं चल रहा है।

यह भी पढ़ें:

  • Amravati: महिला अस्पताल के शिशु वार्ड लगी आग, सभी बच्चे सुरक्षित