Amravati: चचेरे भाई ने किया बलात्कार, अदालत ने सुनाई 10 साल की सजा
अमरावती: जिला एवं सत्र न्यायाधीश (क्रमांक 4) आरवी तम्हानेकर की अदालत ने आरोपी भाई को 10 साल कठोर कारावास, 10 हजार रुपये जुर्माना और जुर्माना नहीं देने पर 3 महीने की अतिरिक्त कैद की सजा सुनाई। यह घटना 30 नवंबर 2017 को शेंदुरजनाघाट ठाणे की सीमा में सामने आई थी।
अदालत में दायर आरोप पत्र के अनुसार, पीड़ित 19 वर्षीय लड़की मई 2017 में अपने पिता के साथ अपने चाचा के घर गई थी। उसके पिता उसे उसके चाचा के पास छोड़कर गाँव लौट आये। जब वह अपने चाचा के साथ रह रही थी तो आरोपी चचेरे भाई ने उसके साथ बार-बार दुराचार किया। पीड़ित लड़की ने इस बारे में किसी को नहीं बताया, जबकि उसने घटना से बचने के लिए उसे जान से मारने की धमकी दी थी।
इसी बीच पीड़िता गर्भवती हो गई। तो पीड़िता ने इस बारे में अपनी मां को बताया। जैसे ही इस बात की जानकारी पीड़िता के पिता को हुई तो उन्होंने आरोपी चचेरे भाई से अपनी बेटी से शादी करने के बारे में पूछा। लेकिन आरोपी चचेरे भाई और उसके पिता ने शादी से इनकार कर दिया। इससे परेशान पीड़िता ने 30 नवंबर 2017 को शेंदुरजनाघाट थाने में मामला दर्ज कराया।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच के बाद आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया। इस मामले में। आर। वी तम्हानेकर की अदालत में 10 गवाहों की गवाही की जांच की गई। गवाहों के साक्ष्य और सरकारी पक्ष की दलीलों पर गौर करें। आर। वी ताम्हणेकर की अदालत ने आरोपी पिता को 10 साल के कठोर कारावास, 10 हजार रुपये का जुर्माना और जुर्माना नहीं देने पर 3 महीने की अतिरिक्त कैद की सजा सुनाई। सरकारी पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक कौस्तुभ एस। लैवेटे ने एक सफल तर्क दिया। विनोद बाभुलकर एक वकालत अधिकारी के रूप में काम करते थे।
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