Amravati: गर्भवती आदिवासी महिला की जान स्वास्थ्य कर्मियों ने लगाई जान, जंगल पार कर खाट पर लादकर लाए अस्पताल
अमरावती: अमरावती के मेलघाट जैसे दुर्गम क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के बीच एक गर्भवती आदिवासी महिला को बचाने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों ने असाधारण प्रयास किया। जंगलों और नालों को पार करते हुए उसे खाट पर लादकर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां समय पर उपचार से उसकी हालत अब स्थिर है।
अमरावती जिले के मेलघाट जैसे दूरदराज और दुर्गम इलाके में आज भी सड़क सुविधा का अभाव आदिवासी समुदाय के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। ऐसे ही परिस्थितियों के बीच एक गर्भवती महिला सरिता भिलावेकर को बचाने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों ने मानो जान की बाज़ी लगा दी।
अस्पताल जाने से मना करने के बाद सरिता जंगल की ओर चली गई थी। उसकी स्थिति गंभीर थी। उच्च रक्तचाप, रक्त में कम हीमोग्लोबिन और सिकलसेल के वाहक होने की वजह से उसे तुरंत उपचार की आवश्यकता थी। जैसे ही इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को मिली, स्वास्थ्यकर्मी यमुना और उनकी टीम उसे खोजते हुए जंगल पहुँची। टीम ने सरिता को खाट पर लादकर, चादर में बांधकर दुर्गम जंगल, खेतों और नालों को पैदल पार किया और एम्बुलेंस तक पहुंचाया।
इसके बाद उसे धारणी के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ समय पर इलाज मिलने से उसकी हालत फिलहाल स्थिर है। जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी संचिता महापात्रा ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों की त्वरित कार्रवाई और मेहनत से न केवल महिला सुरक्षित है बल्कि उसका बच्चा भी स्वस्थ है। यह घटना मेलघाट जैसे इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौतियों को उजागर करती है, साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों की संवेदनशीलता और समर्पण का भी प्रमाण देती है।
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