आरक्षण पर बबनराव तायवाड़े ने दिया विवादित बयान, बच्चू कडु बोले- नेता हाथ तोड़ते नहीं जोड़ते हैं

अमरावती: राज्य में आरक्षण के मुद्दे पर मराठा और ओबीसी समाज आमने सामने हैं। मराठा की तरफ से जहाँ मनोज जारंगे पाटिल लड़ रहे हैं, वहीं ओबीसी की तरफ से कई नेता मैदान में हैं। दोनों तरफ से राज्य भर में सभा कर आरक्षण के समर्थन और विरोध में बाते कर रहे हैं। इसी बीच राष्टीय ओबीसी संघ के अध्यक्ष बबनराव तायवाड़े ने विवादित बयान दे दिया है। जिसमें उन्होंने ओबीसी में आरक्षण की मांग करने वालों के हाथ पैर तोड़ने की बात कह दी है। तायवाड़े के इस बयान पर बच्चू कडु ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, "नेताओं को हाथ तोडना नहीं जोड़ना चाहिए।"
अमरावती में पत्रकारों से बात करते हुए कडु ने तायवाड़े के बयान की निंदा करते हुए कहा कि, "नेताओं को इस संघर्ष को अंग-भंग की हद तक नहीं ले जाना चाहिए. अंग काटना आसान है. इसमें ताकत की जरूरत नहीं है। नेताओं को हाथ जोड़ने चाहिए न की तोड़ने चाहिए।" प्रहार प्रमुख ने चेतवानी देते हुए कहा कि, "आप हाथपैर तोड़ने का काम करो हम हाथ जोड़ने का काम करेंगे। अगर आपकी बुद्धि इतने निचले स्तर तक गिर गई है तो मैं इसकी निंदा करता हूं।”
कडु ने आगे कहा, "आपको शांतिपूर्वक अपना आरक्षण मांगना चाहिए। मराठाओं द्वारा ओबीसी में घुसपैठ जैसी कोई बात नहीं है। क्योंकि कोंकण, विदर्भ में मराठा कुनबी बन गए। लेकिन राज्य के सिर्फ चार या पांच जिलों में रहने वाले मराठा इसमें नहीं आते हैं। इसको लेकर यह सब किया जा रहा है।" उन्होंने आगे कहा, " यह सब राजनीतिक श्रेय लेने के लिए किया जारहा है। जिनके पास कुछ नहीं बचा, वह अब जाति के नाम पर यह कर रहे हैं। नल में पानी भरने के लिए जैसे लड़ाई होती है उस तरह लड़ रहे हैं। मैं इससे आश्चर्यचकित हूं।”
क्या कहा था तायवाड़े ने?
हिंगोली में ओबीसी संघ की सभा हुई। इस दौरान बोलते हुए बबनराव तायवाड़े ने विवादित बयान दिया था। उन्होंने राज्य सरकार से मराठा को कुनबी का प्रमाणपत्र नहीं देने की मांग करते हुए कहा कि, "अगर कोई ओबीसी के खिलाफ बोलने की हिम्मत करे तो उसके हाथ-पैर काटने की ताकत अपने पास रखें।"

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