जिला मध्यवर्ती बैंक फसल ऋण वितरण में अव्वल, निजी और राष्ट्रीयकृत बैंक 60 फीसदी पर रुके

अमरावती: खरीफ फसल ऋण आवंटन के लिए अंतिम दो माह शेष हैं. उधर, जिले में बुआई पूरी होने के बाद भी निजी व राष्ट्रीयकृत बैंकों ने 60 फीसदी से अधिक ऋण नहीं बांटा है. जिला मध्यवर्ती बैंक लोन बांटने में अव्वल है और इस बैंक ने अब तक 97 फीसदी लोन बांटा है. जिले में 31 जुलाई तक 20 बैंकों ने 92 हजार 818 किसानों को 1119 करोड़ 66 लाख रुपये का फसली ऋण वितरित किया है.
इस वर्ष बैंकों को 2 लाख 2 हजार 340 किसानों को फसली ऋण वितरण के लिए 1600 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया था. एक अप्रैल से ऋण वितरण शुरू किया गया. ऋण वितरण में जिला केंद्रीय बैंक ने सबसे ज्यादा बाजी मारते हुए 50 हजार 607 किसानों को 598 करोड़ 30 लाख रुपये का ऋण वितरित किया है. इसका प्रतिशत 97 फीसदी है.
इसके बाद ग्रामीण बैंक ने 73 फीसदी लोन बांट दिया है. लेकिन हमेशा की तरह इस साल भी सरकारी और निजी बैंकों ने ऋण वितरण से हाथ खींच लिया है. 11 राष्ट्रीयकृत बैंकों ने 39 हजार 358 किसानों को 545 करोड़ 91 लाख का ऋण वितरित किया है, जो 66 प्रतिशत है. सात निजी बैंकों ने 1678 किसानों को 32 करोड़ 18 लाख का ऋण वितरित किया है. इसका प्रतिशत 25 फीसदी है. निजी और राष्ट्रीयकृत बैंकों ने चार माह में सिर्फ 60 फीसदी ऋण ही बांटा है. इसी तरह तीन निजी बैंकों ने तो ऋण वितरण भी शुरू नहीं किया है.
खरीफ की अंतिम तिथि 30 सितंबर दी गई है, लेकिन जिले में कृषि बुआई शत-प्रतिशत हो चुकी है. इसलिए अब संदेह जताया जा रहा है कि क्या ये बैंक अपने लक्ष्य हासिल कर पाएंगे? सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या राष्ट्रीयकृत और निजी बैंक किसानों का सहयोग नहीं कर रहे हैं. यह भी आरोप लग रहा है कि ऐसे बैंकों पर प्रशासन को कार्रवाई की जरूरत है.

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