क्या आप क़िस्मत को मानते है?अगर हाँ तो पढ़े यह ख़बर की कैसे बची पांच जिंदगियाँ

अमरावती- "जाको राखे साइयाँ मार सके न कोई" ये कहावत अमरावती के चांदुर रेलवे तहसील के कवठा गांव में सच साबित हुई है। गलती से रात के डेढ़ बजे का मोबाइल अलार्म सेट होने से यहां एक परिवार बड़े हादसे का शिकार होते हुए बच गया।
सही कहा जाता है कि अगर किस्मत बलवान हो तो बड़ी से बड़ी मुसीबत आने पर भी कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। ठीक ऐसा ही अमरावती जिले के चांदुर रेलवे तहसील के कवठा गांव में रहने वाले सारंगधर लांजेवार और उनके परिवार के साथ भी हुआ है। गांव में रहने वाले सारंगधर अपनी पत्नी के साथ दो कमरों के कच्चे घर में रहते थे। घटना वाले दिन ही उनकी विवाहित बेटी - दामाद और पांच माह की नातिन गांव आए थे। रात में खाना खाकर सभी सदस्य सो गए। लेकिन दो-तीन दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण उनके घर की काफ़ी जर्ज़र हो चुकी दीवार अचानक ढह गयी. घटना वाली रात उनके दामाद के मोबाइल में गलती से 1.30 बजे का अलार्म सेट हो गया था.इसी गलत अलार्म की वजह से पुरे परिवार की जान बचा गयी. रात में करीब डेढ़ बजे अलार्म बजने पर उनका दामाद उठा और अपने कमरे से बाहर निकला तो उसे दीवार ढहने का आभास हुआ.सतर्कता बरतते हुए उसने परिवार के अन्य सभी लोगों को जाएगा और फौरन सभी को घर से बाहर निकल गए उसके बाद पंद्रह से बीस मिनट के भीतर घर धराशायी हो गया।
गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई.लेकिन उनका घर पूरी तरह से तबाह हो गया। घटना की सूचना मिलने पर तलाठी गांव पहुंचे और उन्होंने घटना का पंचनामा किया।इस घटना के बाद घर के मालिक सारंगधर लांजेवार ने मांग की है कि सरकार तत्काल उनके परिवार की मदद करे.

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