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Amravati

करोड़ों खर्च होने के बाद भी स्थिति 'ज्यों की त्यों', मेलघाट में इस साल भी पानी की कमी, लगभग 60 गांवों में टैंकरों से होगी पानी आपूर्ति


अमरावती: इस साल गर्मियों में भी ग्रामीण इलाकों को पानी की कमी का दंश झेलना पड़ेगा। जिला परिषद का जल आपूर्ति विभाग वर्तमान में कमी राहत योजना की तैयारी कर रहा है और इस वर्ष प्रशासन के लिए मेलघाट के लगभग 60 गांवों में टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति करने का समय आ जाएगा। कुछ तहसील की मांग अभी भी लंबित है।

जिले में मेलघाट के चिखलदरा तहसील में सबसे ज्यादा कमी है। कुछ हद तक इसमें धारणी, चांदुर रेलवे तहसील के गांव शामिल हैं। इस वर्ष भी चिखलदरा को ध्यान में रखते हुए एक कार्य योजना तैयार की जा रही है। आमतौर पर जनवरी का महीना खत्म होते ही कई गांवों में पानी की कमी हो जाती है। मेलघाट के कई गांवों के निवासियों को गांव के बाहर वाड़ियों से पानी लाना पड़ता है। यही क्रम पिछले कई दशकों से चला आ रहा है। प्रस्तावित उपायों के मुताबिक इस साल का बजट करीब ढाई करोड़ होगा। तीन-चार तहसीलों से अभी भी सूचना नहीं मिलने के कारण जल संकट उन्मूलन योजना रुकी हुई है।

नई पाइपलाइनें, कुओं को गहरा करना, निजी कुओं का अधिग्रहण, पाइपलाइनों की विशेष मरम्मत, अस्थायी पूरक पाइपलाइन, टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति, विंधन कुओं की विशेष मरम्मत आदि जैसे उपाय सुझाए गए हैं। 

29 लाख रुपये किए गए खर्च 

अक्टूबर से दिसंबर 2024 की तिमाही में जल संकट राहत कार्यों पर 29.22 लाख रुपये खर्च किये गये हैं। यह फंड जिले के 20 गांवों में नलों की मरम्मत, टैंकरों से पानी की आपूर्ति और कुओं के अधिग्रहण पर खर्च किया गया है। गर्मी के मौसम के पहले तीन महीनों की अभी तक योजना नहीं बनाई गई है। जनवरी से मार्च की तिमाही के लिए जल संकट की योजना दिसंबर के अंत से पहले तैयार की जाती है। लेकिन कारण यह बताया जा रहा है कि अभी तक गांवों से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।

पानी की कमी से जूझ रहे 776 गांव

जिले के 776 गांव पानी की कमी से जूझ रहे हैं। इनमें से अधिकतर गांव चिखलदरा तालुका के सुदूर गांव हैं। पिछले साल जिले के करीब 700 से 800 गांवों को पानी की कमी का खामियाजा भुगतना पड़ा था, जबकि प्रशासन को 20 गांवों में टैंकरों से पानी पहुंचाने की नौबत आ गई थी।

करोड़ों खर्च के बावजूद अभाव की स्थिति 

पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने चिखलदरा के गांवों की पानी की कमी को दूर करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। लेकिन अभी भी अभाव की स्थिति जस की तस है। प्रशासन का कहना है कि इसके लिए चिखलदरा और मेलघाट की भौगोलिक परिस्थितियां जिम्मेदार हैं। पानी का भंडारण नहीं होना और अन्य समस्याएं इसका कारण हैं। हालांकि, सरकार अभी भी स्थायी जलापूर्ति योजना तैयार कर रही है। पिछले साल जून और जुलाई तक कई गांवों में टैंकरों से पानी की सप्लाई की गई थी। 

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