पश्चिम विदर्भ में किसान आत्महत्या बना चिंता का विषय, छह महीनों में 527 किसानों की आत्महत्या; हर आठ घंटे में एक किसान मौत को लगा रहा गले

अमरावती: पश्चिमी विदर्भ, यानी अमरावती, यवतमाल, वाशिम, बुलढाणा और अकोला ज़िलों में किसानों की आत्महत्या की संख्या बढ़ती जा रही है। इस साल छह महीने में यानी जून के अंत तक 527 किसानों ने आत्महत्या की है। सबसे ज़्यादा आत्महत्याएँ यवतमाल ज़िले में 178 हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि हर आठ घंटे में एक किसान की मौत हो रही है।
यह एक सच्चाई है कि पश्चिमी विदर्भ में किसान प्राकृतिक आपदाओं, फ़सल की बर्बादी, सूखा, बैंकों और साहूकारों से लिए गए कर्ज़, कर्ज़ की वसूली में कठिनाई, बेटियों की शादी, बीमारी समेत कई कारणों से आत्महत्या कर रहे हैं। सरकार और प्रशासन इस पर काबू पाने के लिए गंभीर नहीं होने से किसानों की समस्याएँ बढ़ गई हैं। अमरावती संभागीय आयुक्तालय की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से जून 2025 तक छह महीने की अवधि में 527 किसानों ने आत्महत्या की।
2001 से अब तक किसान आत्महत्याएँ:
- अमरावती ज़िला: 5,477
- यवतमाल ज़िला: 6,351
- अकोला ज़िला: 3,207
- वाशिम ज़िला: 2,107
- बुलढाणा ज़िला: 4,532
जनवरी से जून 2025 तक आत्महत्या के आँकड़े:
- अमरावती ज़िला -101
- यवतमाल ज़िला -178
- अकोला ज़िला -90
- बुलढाणा ज़िला -91
- वाशिम ज़िला -67

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