Amravati: गर्मी के अंत में नल योजनाओं के फंड को मिली मंजूरी, 'बारात जाने के बाद घोड़े लाने' वाला हाल

अमरावती: जिले के 39 गांवों में पानी की कमी को दूर करने के लिए 'सर कटने के बाद, बाल की तारीफ’ जैसी स्थिति नजर आ रही है. अब जब गर्मी का अंत हो रहा है तब राज्य सरकार ने इन गांवों में नल योजनाओं के लिए 4 करोड़ 16 लाख 72 हजार 374 रुपये का फंड स्वीकृत किया है.
यह भी आदेश दिया गया है कि 'शॉर्ट टेंडर' प्रक्रिया के तहत 14 जून तक एजेंसी का चयन कर 30 जून तक काम पूरा कर लिया जाये. इसलिए प्रशासन के सामने इन कार्यों को महज 16 दिन में पूरा करने की चुनौती है. दूसरी ओर, समय पर आए इस आदेश से जिला प्रशासन हिल गया है और सिस्टम इस दुविधा में फंस गया.
सरकार के मुताबिक, जून का महीना शुरू होते ही बारिश का मौसम भी शुरू हो जाता है. जिला प्रशासन को यह सावधानी बरतनी होगी कि कोई यह न कहे कि यह काम बरसात के मौसम में हुआ है.
स्वीकृत गांवों की संख्या
चांदुर बाजार तहसील में 19 गांव, अचलपुर में 7, तिवसा और वरुड में 4-4, चिखलदरा और नंदगांव खंडेश्वर तहसील में 2-2 और अमरावती में कस्तूरा का एकमात्र गांव है।
सबसे कम लागत वाली योजना 2 लाख 56 हजार 268 रुपये की है जिसके माध्यम से अचलपुर तहसील के काकड़ा गांव की पानी की कमी को दूर किया जाना है। सबसे अधिक 19 लाख 96 हजार 197 रुपये खर्च कर वरुड तहसील के तेंबूरखेड़ा में पानी की कमी को दूर करना है।
गर्मी के दिनों में संभावित जल संकट से निपटने के लिए पंचायत समिति से जिला परिषद, सीईओ से कलेक्टर और कलेक्टर कार्यालय से संभागीय आयुक्त तक, ऐसी यात्रा पूरी होने के बाद प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए राज्य सरकार के पास भेजा जाता है। लेकिन जिला प्रशासन ने इसे नजरअंदाज कर दिया।

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