अमरावती विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की अनिश्चित हड़ताल शुरू, परीक्षा सहित कामकाज हुआ प्रभावित
अमरावती: अपनी विविध मांगों को लेकर गैर कृषि विश्वविद्यालय और संबद्ध कॉलेज कर्मचारी आज सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इस हड़ताल के कारन विश्व विद्यालय का काम काज प्रभावित हो गया है। वहीं ग्रीष्मकालीन परीक्षाओं पर भी इसका असर दिखाई देरहा है।
ज्ञात हो कि, कर्मचारी पिछले कई महीनो से अपनी विविध मांगो को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। 15 फरवरी को विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर कार्य किया। वहीं 16 फरवरी को एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल का आह्वान किया गया थ। वहीं मांग नहीं पूरी होने के बाद 20 फ़रवरी से अनिश्चितकालीन समय तक हड़ताल पर जानके का ऐलान किया था।
यह है मांग:
- सेवा के तहत संशोधित आश्वस्त प्रगति योजना के निरस्त सरकारी निर्णय को पुनर्जीवित करते हुए पुरानी योजना को लागू करें।
- 7वें वेतन आयोग के प्रावधानों के अनुसार विश्वविद्यालय और कॉलेज के गैर-शिक्षण कर्मचारियों को दस:बीस:तीस वर्ष के बाद लाभ की योजना लागू करें।
- 7वें वेतन आयोग से वंचित 1410 विश्वविद्यालय के गैर-शिक्षण कर्मचारियों को 7वां वेतन आयोग लागू करना।
- 1 जनवरी, 2016 से गैर-कॉलेज के शिक्षण कर्मचारियों के बीच वेतन अंतर के बकाया का भुगतान करना।
- सातवें वेतन को प्रभावी करना, विश्वविद्यालय के रिक्त पदों को भरने की स्वीकृति देना और कॉलेज के गैर शिक्षक कर्मचारियों, 2005 के बाद सेवा में आए कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने।
सांसद बोंडे ने किया आंदोलन का समर्थन
अपनी विविध मांगो को लेकर प्रदर्शन कर रहे कर्मियों को राजनीतिक दलों ने भी अपना समर्थन देना शुरू कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने आंदोलन कर रहे करमचियों से मुलाकात करने पहुंचे। इस दौरान उनकी मांगों को राज्य सरकार तक पहुंचाने का वादा किया।
बोंडे ने कहा, "विविध मांगो को लेकर कर्मचारियों और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच बैठक हो चुकी है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने चार मांगों पर अपनी सहमति दे चुके हैं। लेकिन अधिकारियों के स्तर पर अभी भी इस पर कुछ नहीं हुआ है, जिसको लेकर आज यह आंदोलन किया गया है। मैं इसको लेकर उपमुख्यमंत्री से मुलाकात करूंगा और जल्द से जल्द इसे लागू करने की मांग करूँगा।"
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