Amravati: महाराष्ट्र का पहला किसान पुत्र जिसने खेत में बनाया मां का मंदिर

अमरावती: जिले में एक किसान के बेटे ने अपने खेत में अपनी मां का मंदिर बनवाया है, इस भावना के साथ कि उनका आशीर्वाद हमेशा बना रहे, उनका साथ हर पल मिलता रहे। इस किसान के बेटे का नाम है रवींद्र मेटकर। आज भले ही उनके पोल्ट्री व्यवसाय का टर्नओवर करोड़ों रुपये में है, लेकिन कभी-कभी उन्हें पैसों के लिए संघर्ष करना पड़ता था।
उनकी मां सुमनताई का मायका चंदुरबाजार तहसील के शिराजगांव बंड से है। उन्हें चार एकड़ पैतृक जमीन विरासत में मिली। इसे 20,000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से बेचा गया और उसी पैसे से 1998 में अमरावती के पास अंजनगांवबारी शिवार में एक एकड़ जमीन खरीदी गई। तो बैंक ने लोन दिया और 4000 पक्षियों के जरिए इस क्षेत्र में पोल्ट्री व्यवसाय की नींव रखी गई। प्रारंभ में आर्थिक प्रगति धीमी थी।
व्यवसाय का विस्तार चरणों में किया गया। आज का अंडा उत्पादन 95 हजार से 1 लाख है। लेकिन यह सब वैभव देखने से पहले ही 21 अगस्त 2006 को सुमन मेटकर का निधन हो गया। उनकी हमेशा इस किसान के बेटे को आती रहती है। मंदिर उन यादों को साकार करने वाली जगह है। मेटकर ने पोल्ट्री फार्म का नाम 'मातोश्री' रखा।
मेटकर ने कहा कि आज हम करोड़ों रुपए का कारोबार कर रहे हैं। मंदिर तो बन गया लेकिन माँ आज यह गौरव नहीं देख सकीं।

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