Amravati: शोधकर्ताओं द्वारा उपेक्षा, संकट में संतरे का उत्पादन, किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी
अमरावती: मोर्शी तहसील में भीषण सूखे के बावजूद अथक प्रयासों से बचे संतरे के बगीचे बदलते पर्यावरण के कारण एक अज्ञात बीमारी की भेंट चढ़ते नजर आ रहे हैं। इस रोग के प्रकोप से फल गिर रहे हैं, पत्तियाँ पीली पड़ रही हैं तथा पेड़ सूख रहे हैं। तमाम उपायों का कोई फायदा नहीं होने से किसान चिंता में हैं। इसके चलते संतरा किसानों के सामने संतरे के बगीचों को बचाने की चुनौती खड़ी हो गई है।
मोर्शी तहसील अपने रिकॉर्ड संतरे उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है लेकिन वर्तमान समय में संतरा किसानों को कई संकटों का सामना करना पड़ रहा है। इस साल संतरे की पैदावार खतरे में है क्योंकि गर्मी काफी बढ़ गई है। मोर्शी में काले कवक रोग के कारण संतरे का नुकसान काफी हद तक बढ़ गया है, जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
एक संतरा उत्पादक किसान ने बताया कि अंबिया रिसाव के कारण मोर्शी में संतरा उत्पादकों को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। किसान अब मांग कर रहे हैं कि लीकेज का सर्वे कराया जाए और प्रति हेक्टेयर एक लाख रुपये मुआवजा दिया जाए।
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